चपरासी से लेकर कंपनी का मालिक बनने तक का सफर : Guru Of Microsoft Technology

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guru-of-microsoft-technology-chhotu-sharma-chandigarhGuru Of Microsoft Technology (Chhotu Sharma Chandigarh) : दोस्तों हम सभी के जीवन में मुश्किलें आती है, कठिनाइयों का दौर आता है | कुछ लोग इन मुश्किलों में फंस कर टूट जाते हैं और दुनिया की भीड़ में गुम हो जाते हैं | वहीँ कुछ लोग मुश्किलों का डट कर सामना करते हैं और वो मुश्किलों को हरा कर अपनी मंज़िल को प्राप्त करते हैं , अपने सपनों को पूरा करते हैं और दुनिया के लिए एक मिसाल बन जाते हैं |

ऐसी ही एक मिसाल पेश की है चंडीगढ़ के छोटू शर्मा ने | छोटू का संघर्ष बहुतों को प्रेरणा देता है।आगे बढ़ने की ललक में छोटू ने दिनभर दफ्तर में चपरासी गिरी की और रातों को भूखे पेट जागकर पढ़ाई की।आज यही छोटू शर्मा चंडीगढ़ में दो सॉफ्टवेयर कंपनियों का मालिक है।

हिमाचल प्रदेश के एक गांव में जन्मे छोटू ने सरकारी कॉलेज से बीए पास तो किया लेकिन इस डिग्री के बल पर उसे कोई नौकरी नहीं मिली।नौकरी की तलाश में छोटू चंडीगढ़ जा पहुंचा लेकिन वहां भी बिना व्यवसायिक कोर्स किए कोई नौकरी देने के लिए तैयार नहीं था।

तब छोटू ने फैसला किया कि कंप्यूटर कोर्स करके कंप्यूटर के बल पर ही कैरियर बनाना है। पेट भरने के लिए उसने एक स्थानीय कंप्यूटर सेंटर ‘एपटेक’ में चपरासी की नौकरी कर ली। इसी के साथ उसने कंप्यूटर क्लास भी ज्वाइन कर ली।वो दिन भर कंप्यूटर सेंटर में चपरासी का काम करता और रात को जागकर पढ़ाई करता। छोटू दिनभर कंप्यूटर सेंटर में रहता, जैसे ही कोई कंप्यूटर खाली मिलता, छोटू उस पर प्रैक्टिस शुरू कर देता।

Chhotu Sharma Biography in Hindi

एक साल के कंप्यूटर कोर्स की फीस भरने के लिए चपरासी की नौकरी की सैलरी कम थी।पैसे जमा करने की कवायद में कई बार छोटू को भूखे पेट सोना पड़ता था। दरअसल वो जानता था कि हिमाचल में तंग हालातों में जी रहा उसका परिवार उसकी कोई मदद नहीं कर पाएगा, इसलिए वो अपनी तंगहाली की खबर अपने परिजनों को नहीं बताता था।

नौकरी के साथ साथ छोटू अपने कोर्स की प्रैक्टिस भी करता और वहां प्रैक्टिस कर रहे छात्रों को भी कंप्यूटर कोर्स की बातें सिखाने लगा।धीरे धीरे छोटू कंप्यूटर सिखाने में सक्षम हो गया। इसी के साथ छोटू ने माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफाइट सॉफ्टवेयर डेवलपर का कोर्स पूरा किया। इसको देखते हुए उसे एपटेक कंप्यूटर सेंटर में ही बतौर फैकल्टी टीचर छात्रों को पढ़ाने का प्रस्ताव मिला। छोटू ने झट से प्रस्ताव स्वीकार किया। शाम के समय छोटू फैकल्टी के तौर पर एपटेक में क्लास लेता और दिन में कई छात्रों के घर जाकर क्लास लेता। इसी दौरान उसने अपनी कमाई से पहली साइकिल खरीदी।

2000 में टीचिंग के बल पर छोटू अच्छी कमाई करने लगा था। लेकिन ये छोटू का लक्ष्य नहीं था। उसने अपने बचत के पैसों से एक बाइक और एक कंप्यूटर खरीदा और दो कमरों के किराए के फ्लैट में अपना कंप्यूटर इंस्टीट्यूट खोल लिया। छह ही महीनों में उसके इंस्टीट्यूट में  80 से ज्यादा स्टूडेंट आने लगे। कुछ समय बाद उसने और कंप्यूटर खरीद लिए।

छोटू का संघर्ष और मेहनत रंग लाने लगी और कम ही समय में डॉट नेट की टीचिंग में छोटू का नाम चंडीगढ़ में छा गया।  2007 में उसने चंडीगढ़ में कई स्थानों पर CS इन्फोटेक के नाम से इंस्टीट्यूट खोल लिए। चंडीगढ़ में CS Infotech में 1000 से ज्यादा स्टूडेंट कंप्यूटर शिक्षा ले रहे हैं।

Chhotu Sharma Story

2009 में छोटू ने मोहाली में जमीन खरीदकर अपनी सॉफ्टवेयर कंपनी खोली। आज CS Soft Solution में 125 से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं।ये कंपनी बड़ी बड़ी कंपनियों को सॉफ्टवेयर सेवाएं मुहैया कराती है।

छोटू के अधिकतर छात्रों को 500 करोड़ के टर्न ओवर वाली कंपनियों में अच्छे खासे पैकेज पर नौकरी मिलती है। उनके छात्रों को माइक्रोसॉफ्ट, एकेंचर, टीसीएस और इन्फोसेस जैसी कंपनियों में नौकरी मिली।

चंडीगढ़ में छोटू शर्मा को ‘गुरु ऑफ माइक्रोसॉफ्ट टैक्नोलॉजी’ कहकर बुलाया जाता है।

छोटू शर्मा के संघर्ष और मेहनत के चलते 2007 में हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने उन्हें  “हिमाचल गौरव”  पुरस्कार से सम्मानित किया था।

दोस्तों अगर छोटू अपनी मुश्किलों से हार गया होता तो वो हमेशा एक चपरासी ही होता या कंही एक गुमनाम ज़िंदगी जी रहा होता लेकिन उसने अपनी मुश्किलों का डट कर सामना किया जिसका परिणाम है कि वह आज दो कम्पनियो का मालिक है|

इसलिए दोस्तों ज़िंदगी में चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं कभी घबराएं नहीं और डर कर भागे नहीं |  मुश्किलों का डट कर सामना करते हुए अपने सपनो को पूरा करने का प्रयास करते रहें ,एक दिन आप ज़रूर सफल होंगे , एक दिन आपकी जीत ज़रूर होगी|


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5 thoughts on “चपरासी से लेकर कंपनी का मालिक बनने तक का सफर : Guru Of Microsoft Technology”

  1. Golden guru apne apni life ko best lebal tak le gye ye apki Thought K, Planing K, mehnat k result h. Thanks bhai

  2. Wow ye to hamare liye waqai bahut badi prerna shrot hain. Apko bhi dhyanwad apne itne sunder tarike se article likha. Thanks

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