Sohan Lal dwivedi poem : कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

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Sohan Lal dwivedi poem in hindi : परेशानियाँ सभी के साथ लगी रहती हैं। कोई भी ऐसा नहीं है जो हमेशा ही खुश रहता हो। चाहे अमीर हो या गरीब सभी को कभी ना कभी मुश्किलों, मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। सभी सफल लोग अपनी ज़िंदगी में कभी ना कभी असफल ज़रूर हुए हैं। लेकिन सफल लोगों ने अपनी मुश्किलों से, मुसीबतों से, अपनी असफलताओं से हार नहीं मानी और अपनी असफलताओं से सीख लेकर मुश्किलों से निकलने की और सफलता पाने की कोशिश करते रहे। एक दिन उनकी ये कोशिश ही सफलता में बदल गयी और उनकी जीत बन गयी।

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इसलिए दोस्तों अपनी ज़िन्दगी में कभी भी किसी भी परिस्थिति में हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। किसी भी मुश्किल, मुसीबत या असफलता के सामने घुटने नहीं टेकने चाहिए बल्कि उनका दृढ़ता से सामना करना चाहिए। और अपने लक्ष्य को पाने की, अपने सपने को पूरा करने की कोशिश तब तक करते रहना चाहिए जब तक कि आप अपने लक्ष्य को प्राप्त ना कर लें, अपने सपने को पूरा ना कर लें, आप जीत हासिल ना कर लें।

क्योंकि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

मैं सोहनलाल द्धिवेदी जी की ये कविता (लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती) पढ़ रहा था। इनकी इस कविता ने मुझे बहुत प्रभावित किया। इस कविता से मुझे बहुत प्रेरणा मिली। इसलिए उनकी ये कविता मैं आप लोगों के सामने पेश कर रहा हूँ ताकि आप लोग भी इससे प्रेरणा ले सकें।

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

नन्ही चींटीं जब दाना ले कर चढ़ती है,
चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है,
मन का विश्वास रगों मे साहस भरता है,
चढ़ कर गिरना, गिर कर चढ़ना न अखरता है,
मेहनत उसकी बेकार हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

डुबकियाँ सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा-जा कर खाली हाथ लौट कर आता है,
मिलते न सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दूना विश्वास इसी हैरानी में,
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गयी देखो और सुधार करो,
जब तक न सफल हो नींद-चैन को त्यागो तुम,
संघर्षों का मैदान छोड़ कभी मत भागो तुम,
कुछ किए बिना ही जय-जयकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

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दोस्तों चाहे आप कितनी बार भी असफल हों, चाहे आप कितनी बार भी गिरें, चाहे कितनी ही विपरीत परिस्थितियाँ हों, आप कभी डरें नहीं, कभी घबराएं नहीं। बस एक ही बात मन में रखें कि मुझे हर हाल में अपने लक्ष्य को प्राप्त करना है, हर हाल में सफल होना है, हर हाल में अपने सपने को पूरा करना है, मुझे हर हाल में जीतना ही है। फिर सकारात्मक होकर पूरे आत्मविश्वास के साथ दृढ होकर दोबारा कोशिश करें। इस बार आपको कोई नहीं रोक सकता। आप जीत कर ही रहेंगे।

Note :- 
यह कविता थोड़ी विवादों में रही है। क्योंकि कुछ लोग इसे हरिवंश राय बच्चन जी की रचना मानते हैं जबकि कुछ लोग सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी की मानते हैं। जबकि वास्तव में ये रचना सोहनलाल द्धिवेदी जी की है। और इस बात को अमिताभ बच्चन जी ने  FACEBOOK पर स्पस्ट कर दिया है।

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9 thoughts on “Sohan Lal dwivedi poem : कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती”

  1. Es poem s hame yah prerna milti h ki hame kabhi bhi musibato s nahi bhagna chahiy balki DAT kr us musibat ka samna kr na chahiya

  2. Pingback: हम जैसा सोचेंगे हमें उसके वैसे ही परिणाम मिलेंगे | Gyan Versha
  3. Pingback: बुरे वक़्त में ही पता चलता है कि कौन अपना है और कौन पराया | Gyan Versha
  4. ये कविता बहुत ही लोकप्रिय और प्रेरणादायी है: “कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती..”
    धन्यवाद.

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