सातवीं पास सांडर्स 62 वर्ष की उम्र में KFC की शुरुआत करके अरबपति बने

If you like this article, please share it with your friends

कर्नल सांडर्स की सफलता की कहानी (Colonell Sanders success story in hindi), KFC की सफलता की कहानी (KFC success story in hindi) 

ज्यादातर लोग अपने career  की शुरुआत या अपने business  की शुरुआत किस उम्र में करते हैं ? जहाँ तक मेरा मानना है 20 से 30 वर्ष की उम्र के बीच ज़्यादातर लोग अपने कैरियर की शुरुआत कर ही देते हैं या अपना कोई काम या बिज़नेस इस उम्र में शुरू हो ही जाता है। और अगर थोड़ा और ज़्यादा कह दें तो  ज़्यादा से ज़्यादा 40 वर्ष की उम्र तक।

kfc success story in hindi

 

लेकिन अगर मैं कहूँ कि एक शख्श ने अपने बिज़नेस की शुरुआत 62 वर्ष की उम्र में की और देश दुनिया में अपने बिज़नेस को फैला कर सबसे प्रभावशाली लोगो की लिस्ट में दूसरे स्थान पर आ गया तो थोड़ा ताज्जुब तो होगा ही न। मुझे भी हुआ था।

इसे भी पढ़ें :- MDH Founder महाशय धर्मपाल गुलाटी : एक तांगे वाले से अरबपति बनने तक का सफ़र

इसे भी पढ़ें :-  डॉ. विवेक बिन्द्रा कौन हैं और कैसे वे Business Training के सबसे बड़े Brand बने

भारत में जिस उम्र ( 60 वर्ष) में लोग रिटायर होकर अपने घर आराम की ज़िंदगी गुजारते हैं, उससे भी ज़्यादा उम्र (62 वर्ष) में एक व्यक्ति ने अपने बिज़नेस की शुरुआत की और सारी दुनियां के सामने ये साबित किया कि अगर आपके अंदर कुछ कर गुजरने की लगन और इच्छाशक्ति है तो आप उम्र की तमाम बंदिशों को पार करते हुए आकाश की बुलंदियों को छू सकते हैं।

जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ महज सातवीं तक पढ़े कर्नल सांडर्स (Colonell Sanders) की। जिन्होंने बहुत सी निराशाओं, बहुत से संघर्षों के बाद 62 वर्ष की उम्र में KFC (Kentucky Fried Chicken) Restaurant Chain  कई देशों में खोलकर देश दुनियां में अपना नाम कमाया और सफलता के शिखर को छुआ।

आइये कर्नल सांडर्स के प्रेरणादायक जीवन (Motivation story of colonell sanders) के बारे में जानते हैं।

कर्नल सांडर्स (Colonell Sanders)  एक अमेरिकी व्यवसायी थे। उनका पूरा नाम हारलैंड डेविड सांडर्स (Harland Devid Sanders) था। कर्नल सांडर्स का जन्म 9 सितम्बर 1890 को U.S. में हुआ था। उनके पिता का नाम विल्बर डेविड सांडर्स तथा माता का नाम मारग्रेट डनलेवी था। जब सांडर्स 5 वर्ष के थे तब उनके पिता की मृत्यु हो गयी। उनकी माँ ने नौकरी करनी शुरू कर दी थी इसलिए घर का खाना सांडर्स को ही बनाना पड़ता था। जब वे सातवीं कक्षा में थे तो उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी। उसके बाद उनकी माँ ने दूसरी शादी कर ली तो सांडर्स घर से भाग गए।

इसके बाद उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा। उन्हें कभी Steam Boat  में काम करना पड़ा, कभी Insurance Salesman की नौकरी करनी पड़ी, तो कभी रेलरोड में Fireman का काम करना पड़ा।

इसे भी पढ़ें :- Wilma Rudolf – अपाहिज लड़की ने सबसे तेज धाविका बनकर किया नामुमकिन को मुमकिन

40 वर्ष की उम्र में सांडर्स एक सर्विस स्टेशन पर काम करते थे। वहाँ वह उस स्टेशन पर रुकने वाले लोगो के लिए चिकन पकाते थे। चिकन की गुणवत्ता के कारण वे शीघ्र ही प्रसिद्ध हो गए। और एक होटल में मुख्य कुक की तरह कार्य करने लगे। वहाँ पर उन्होंने चिकन पकाने का एक नया तरीका Pressure Fryer  ईजाद  किया। Pressure Fryer  से चिकन जल्दी पकता था लेकिन उसका स्वाद लोगो को पसंद नहीं आया। फिर उन्होंने चिकन के साथ experiment  करना शुरू कर दिया और अपनी चिकन रेसिपी Fried Chicken को अलग अलग लोगों और अलग अलग होटलों में पेश किया।

लेकिन ज़्यादातर लोगो ने Fried Chicken को नकार दिया। लगभग 1009 लोगों द्वारा नकारे जाने के बाद भी सांडर्स निराश नहीं हुए और नए नए लोगों के सामने अपनी रेसिपी पेश करते रहे। उसके बाद उनका Fried Chicken एक होटल मालिक को पसंद आया और यह उनके Menu में शामिल हो गया। उसके बाद तो उनका बनाया चिकन इतना प्रसिद्ध हो गया कि इसकी बिक्री बहुत सी जगहों पर होने लगी।

1935  में गवर्नर रूबी लफ़ून ने उन्हें Kentucky Colonel की उपाधि दी।

1939 में सांडर्स ने अपना रेस्टोरेंट शुरू किया।

1952 में सांडर्स ने KFC (Kentucky Fried Chicken)  के नाम से फ्रेंचाइजी शुरू की। देखते ही देखते  KFC  एक ब्रांड बन गया और दुनिया भर में उसकी रेस्टोरेंट Chain खुलने लगीं। आज KFC के 118 देशों में 18875 outlets हैं।

1964 में उन्होंने KFC Corporation का हिस्सा  2 Million Dollars  में बेच दिया।

KFC की प्रसिद्धि ने उन्हें उस मुकाम पर पहुँचाया कि 1976 में दुनिया के सबसे Powerful लोगो की सूचि में वे दूसरे स्थान पर रहे थे।

16 दिसंबर 1980 को 90 वर्ष की उम्र में उनकी मृत्यु हो गयी। आज भी KFC के हर उत्पाद के Advertise तथा पोस्टर , बैनर पर आप उनको देख सकते हैं।

2

तो दोस्तों, ये कहानी थी महज सातवीं पास एक ऐसे शख्स की, जिसके पास कोई Technical या Professional डिग्री नहीं थी, उच्च शिक्षा नहीं थी, पास में धन भी नहीं था और 1009 बार नकारे जाने के बावजूद तमाम संघर्षों , मुसीबतों, निराशाओं से निकल कर उस शख्श ने आसमान की बुलंदी को छुआ।

तो दोस्तों, अगर हमारे पास उच्च शिक्षा, कॉलेज की डिग्री या पैसा है या नहीं है इससे कोई फर्क पड़ता। लेकिन हमारे पास एक लक्ष्य, एक सपना, या कोई ख़ास हुनर जरूर होना चाहिए और अगर हमारे अंदर कुछ कर गुजरने की आग है, दृढ संकल्प है, अपने काम के प्रति लगाव है तो फिर दुनियां की कोई भी ताकत, मुसीबत, या समस्या हमें सफल होने से नहीं रोक सकती, हमें आसमान की बुलंदी को छूने से नहीं रोक सकती।

तो दोस्तों अपने लक्ष्य को , सपने को, या किसी खास हुनर को पहचानिये और उनको पूरा करने की शुरुआत कर दीजिये और तब तक लगें रहें जब तक की आप सफल न हों जाएँ |

……Best of Luck

Related Posts :-





If you like this article, please share it with your friends

12 thoughts on “सातवीं पास सांडर्स 62 वर्ष की उम्र में KFC की शुरुआत करके अरबपति बने”

  1. बहुत ही सुंदर और ज्ञानवर्धक लेख। KFC के संस्‍थापक के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं थी। आपने मेरा जो ज्ञान बढ़ाया उसके लिए आपका बहुत बहुत धन्‍यवाद।

Leave a Comment