Hindi moral story in hindi : दोस्तों, हिंदी प्रेरणादायक कहानियाँ (Moral stories in hindi short) के कारवाँ को आगे बढ़ाते हुए, आज फिर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक नयी हिंदी प्रेरणादायक कहानी (Motivational story in hindi)। इसे पढ़िए, इससे सीखिए और इसे प्रेरणा लीजिये।
केली नामक एक गरीब लड़का घर-घर जाकर सामान बेचा करता था ताकि वह अपने स्कूल की फीस जमा कर सके। एक दिन उसे बेहद भूख लगी लेकिन उसके पास सिर्फ़ पचास पैसे थे।
उसने सोचा की किसी घर से कुछ खाने को माँग लेगा। उसने एक घर का दरवाजा खटखटाया | जब एक सुंदर लड़की ने घर का दरवाज़ा खोला तो वह घबरा गया और खाने की जगह उसने पीने के लिए पानी माँग लिया।
लड़की ने देखा कि लड़का भूखा लग रहा था, इसलिए वह उसके लिए एक बड़े ग्लास में दूध लेकर आ गई। लड़के ने धीरे-धीरे दूध पिया और फ़िर लड़की से पूछा – “इसके लिए मैं आपको क्या दूँ?”
“कुछ नहीं” – लड़की ने कहा – “मेरी माँ ने मुझे सिखाया है कि किसी का भला करने के बदले में कुछ नहीं लेना चाहिए।”
लड़के ने कहा – “अच्छा, तो फ़िर मैं आपको धन्यवाद ही दे सकता हूँ।”
उस दिन उस घर से निकलते समय हॉवर्ड केली ने अपने आप को न सिर्फ़ शारीरिक तौर पर अधिक मजबूत पाया बल्कि ईश्वर और मानवता में उसकी आस्था और गहरी हो गई।
कई सालों बाद वह लड़की बहुत बीमार पड़ गई। स्थानीय डॉक्टरों ने जवाब दे दिया। तब उसे बड़े शहर भेजा गया जहाँ एक विशेषज्ञ को उस गंभीर रोग के उपचार के लिए कहा गया।
डॉक्टर को बताया गया कि अमुक शहर से एक मरीज आई है। शहर का नाम सुनकर उनकी आँखों में अजीब सी चमक आ गई। वे फ़ौरन उठे और मरीज के कमरे में पहुँच गए। उन्होंने उसे देखते ही पहचान लिया।
वो डॉक्टर वही गरीब लड़के हॉवर्ड केली थे |
मरीज के निरीक्षण के बाद वे अपने कमरे में गए। उन्होंने तय कर लिया था कि मरीज को कैसे भी बचाना है। इस मामले को उन्होंने बहुत लगन और कर्मठता से बहुत समय दिया।
बहुत परिश्रम करने के उपरांत वे रोग से जीत गए।
डाक्टर केली ने अस्पताल के प्रभारी से कहा कि मरीज का बिल उनके अनुमोदन के लिए भेज दिया जाए। उन्होंने बिल देखा और उसके किनारे पर कुछ लिखकर बिल मरीज के पास भिजवा दिया। लड़की ने घबराते हुए लिफाफा खोला। उसे लग रहा था कि उसके जीवन भर की बचत उसकी बीमारी के इलाज में ख़त्म होने वाली थी। बिल को देखने पर उसकी नज़र बिल के कोने पर लिखे कुछ शब्दों पर पड़ी।
उसने पढ़ा…
“एक ग्लास दूध से यह बिल चुका दिया गया है ”
(हस्ताक्षर) डाक्टर हॉवर्ड केली