Hindi moral story 9 : समस्याओं को नीचे रख दीजिये

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Hindi moral story : दोस्तों, हिंदी प्रेरणादायक कहानियाँ (Moral stories in hindi short) के कारवाँ को आगे बढ़ाते हुए, आज फिर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक नयी हिंदी प्रेरणादायक कहानी (Motivational story in hindi)। इसे पढ़िए, इससे सीखिए और इसे प्रेरणा लीजिये।

आजकल की इस व्यस्त और भागदौड़ भरी ज़िंदगी में चिंताएं, तनाव, समस्यायेँ लगभग सभी के साथ लगी रहती हैं। कोई भी ऐसा नहीं है जिसे किसी तरह की समस्या न हो। ज़्यादातर चिंताओं और तनाव का बोझ हम बिना मतलब ही ढोते रहते हैं। हम समस्याओं के समाधान के बारे में ना सोच कर ज़्यादातर समस्या के बारे में ही सोचते रहते हैं जिससे समस्याए और बढ़ जाती हैं। बार बार और लगातार समस्याओं के बारे में ज़्यादा देर तक या रोज़ाना ही सोचने से समस्या तो कम नहीं होगी उल्टे हम ही तनावग्रस्त हो जाते हैं। हमारा स्वस्थ्य ख़राब हो जाता हैं या हम मानसिक या शारीरिक रूप से अक्षम भी हो सकते हैं।

मैं आपके सामने एक छोटी सी लेकिन बहुत ही प्रेरणादायक कहानी पेश कर रहा हूँ जिससे आप समझ सकते हैं कि ज़्यादा देर तक समस्याओं को या तनाव को अपने दिमाग में रखने से हमारे स्वास्थ्य और ज़िंदगी पर क्या असर पड़ सकता हैं।

एक बार एक अध्यापक कक्षा में बच्चो को पढ़ाने आये। अध्यापक ने अपने हाथ में पानी से भरा एक गिलास पकड़ते हुए बच्चो को पढ़ाना शुरू किया। उन्होंने गिलास को ऊपर उठा कर सभी छात्रों को दिखाते हुए पूछा , ” आपके हिसाब से इस गिलास का वज़न कितना होगा?”

छात्रों ने उत्तर देना शुरू किया – किसी ने कहा 100 ग्राम , किसी ने 200 ग्राम तो किसी ने 250 ग्राम कहा।

अध्यापक ने कहा – जब तक मैं इसका वज़न ना कर लूँ , मुझे इसका सही वज़न नहीं पता चल सकता।
पर मेरा एक सवाल है …..

अगर मैं इस ग्लास को 5 मिनट तक इसी तरह हाथ में उठा कर पकडे रहूँ तो क्या होगा ?

”कुछ नहीं” ……………छात्रों ने कहा।

‘अच्छा , अगर मैं इसे इसी तरह एक घंटे तक उठाये रहूँ तो क्या होगा ?” , अध्यापक ने पूछा।

‘आपके हाथ में दर्द होने लगेगा’, एक छात्र ने कहा।

” तुम सही हो, अब अगर मैं इसे इसी तरह पूरे दिन उठाये रहूँ तो क्या होगा?”…… अध्यापक ने फिर पूछा।

” आपका हाथ सुन्न हो सकता है, आपके हाथ की मांसपेशियों में भारी खिंचाव आ सकता है , आपके हाथ को लकवा मार सकता है और पक्का आपको अस्पताल जाना पड़ सकता है”….दूसरे छात्र ने कहा, और बाकी सभी हंस पड़े…

“बहुत अच्छा , पर क्या इस दौरान गिलास का वज़न बदला?” अध्यापक ने पूछा।

उत्तर आया ..”नहीं”

” तब भला हाथ में दर्द और मांशपेशियों में खिंचाव क्यों आया?”

सभी छात्र आश्चर्य में पड़ गए।

फिर अध्यापक ने पूछा ” अब दर्द से निजात पाने के लिए मैं क्या करूँ?”

” गिलास को नीचे रख दीजिये ! एक छात्र ने कहा।

” बिलकुल सही ! ” अध्यापक ने कहा।

अब अध्यापक ने बच्चो को समझते हुए कहा – मेरे प्यारे बच्चो ! ज़िंदगी की समस्यायेँ भी कुछ इसी तरह होती हैं। इन्हें कुछ देर तक अपने दिमाग में रखिये तो लगेगा की सब कुछ ठीक है। उनके बारे में ज्यादा देर सोचोगो तो आपको दर्द होने लगेगा, मानसिक तनाव बढ़ने लगेगा और इन्हें और भी ज्यादा देर तक अपने दिमाग में रखोगे तो ये आपको बुरी तरह जकड लेंगी और आप मानसिक और शारीरिक रूप से अक्षम हो सकते हैं और आप कुछ नहीं कर पायेंगे। इसलिए जितनी जल्दी हो सके इन समस्याओं को नीचे रख देना चाहिए।

दोस्तों, ये कहानी बहुत ही प्रेरणादायक है। चुनौतियां , मुश्किलें, समस्यायेँ, मुसीबते ये चीजें लगभग सभी के साथ लगी रहती हैं। इनके बारे में ज्यादा ना सोचें। सिर्फ इनके समाधान के बारे में सोचें और वो भी सकारात्मक होकर। दिन भर के काम के बाद जब आप रात को सोने जा रहे हैं तो इन समस्याओ को अपने साथ लेकर मत सोइये। इन्हे सोने से पहले नीचे रख दीजिये। ताकि आप बिना तनाव के अच्छी नींद ले सकें और हर सुबह मजबूती और ताजगी के साथ उठ सकें।

 





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