Hindi moral story 13 : अपने आप को अपनी मुश्किलों, मुसीबतों से बड़ा बना लो

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Hindi moral story : दोस्तों, हिंदी प्रेरणादायक कहानियाँ (Moral stories in hindi short) के कारवाँ को आगे बढ़ाते हुए, आज फिर हम आपके लिए लेकर आये हैं एक नयी हिंदी प्रेरणादायक कहानी (Motivational story in hindi)। इसे पढ़िए, इससे सीखिए और इसे प्रेरणा लीजिये।

मुश्किलें, मुसीबतें सभी की जिंदगी में लगी रहती हैं। लेकिन जो इन्सान छोटी सी मुश्किल या मुसीबत को बहुत बड़ा बना लेता है या इनसे डर जाता है, ये उसकी जिंदगी में कड़वाहट घोल देती हैं और उसकी जिंदगी को निराशा से भर देती हैं और वो इन्सान अपनी जिंदगी में कभी आगे नहीं बढ़ पाता है। लेकिन जो इन्सान इनसे घबराता नहीं है और खुद को इनसे भी बड़ा बना लेता है ये उसकी जिंदगी की मिठास को नहीं छीन पाती हैं और वो इन्सान बहुत जल्दी इनसे बाहर निकल जाता है।

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इससे सम्बंधित एक कहानी आज मैं आपके सामने पेश कर रहा हूँ और उम्मीद करता हूँ कि ये कहानी आपको पसंद आएगी।

एक बार एक व्यक्ति अपनी जिंदगी में बहुत परेशान हो गया। मुश्किलों और मुसीबतों से वह इस कदर टूट गया कि उसके मन में हर पल नकारात्मक विचार आने लगे। बहुत ज्यादा हताश होने पर वह एक संत के पास पहुँचा और उनसे अपनी समस्या बताई। संत ने उसकी बात को ध्यानपूर्वक सुना और उसे अगले दिन आने को कहा।

अगले दिन जब वह व्यक्ति संत के पास पहुँचा तो उन्होंने उसे पानी से भरा एक गिलास देते हुए कहा  “इसमें एक मुट्ठी नमक डालो और इस पानी को पी जाओ।”

वह व्यक्ति संत की बात को मानते हुए पानी में नमक डालकर पीने लगा। लेकिन एक घूँट पानी से ज्यादा नहीं पी पाया और थूक दिया।

संत ने पूछा “क्या हुआ? पानी का स्वाद कैसा लगा?”

“बिल्कुल बेकार….. एकदम कड़वा” व्यक्ति ने जवाब दिया।

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संत थोड़ा मुस्कुराये और बोले “अब एक मुट्ठी नमक और लो और मेरे पीछे पीछे आओ।”

वह व्यक्ति नमक लेकर संत के पीछे पीछे चलने लगा।

थोड़ी देर चलने के बाद संत एक झील के पास जाकर रुके।

अब संत ने व्यक्ति से कहा “इस नमक को झील में डाल दो।”

व्यक्ति ने नमक झील में डाल दिया।

उसके बाद संत बोले “अब इस झील का पानी पियो।”

व्यक्ति ने झील से पानी लिया और पीने लगा।

जब व्यक्ति ने पानी पी लिया तब संत ने उससे फिर पूछा “अब पानी का स्वाद कैसा है? क्या यह तुम्हे अभी भी कड़वा लग रहा है?”

“नहीं.. नहीं.. ये तो बहुत मीठा है। व्यक्ति ने जवाब देते हुए कहा।

फिर संत ने उसे समझाते हुए कहा। “जीवन के दुःख भी बिल्कुल नमक की तरह ही हैं। ना तो इससे कम और ना ही इससे ज्यादा। जीवन में दुखों की मात्रा वही रहती है लेकिन ये हम पर निर्भर करता है कि हम दुखों, मुश्किलों, मुसीबतों का सामना किस तरह से करते हैं। अगर हमने खुद को छोटा करके दुखों को बहुत बड़ा बना दिया तो ये दुःख हमारी जिंदगी को कड़वाहट से भर देंगे। और यदि हमने दुखों की तुलना में खुद को बहुत बड़ा बना लिया तो कोई भी दुःख हमारी जिंदगी की मिठास को नहीं छीन सकता।”

इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है? 

दोस्तों, ये कहानी बहुत प्रेरणादायक है। और ये बात बिल्कुल सच है। चाहे कितनी भी मुसीबतें आयें, चाहे कितनी भी मुश्किलें घेर लें, चाहे कितनी भी परेशानियाँ आ जायें, अपने आप को इतना बड़ा बना लो कि कोई भी परेशानी आपकी जिंदगी की मिठास को ना छीन सके। सारी परेशानियाँ आपको छोटी लगने लगें और आप बिना हिम्मत हारे उन मुश्किलों, उन परेशानियों का सामना कर सकें और उनसे बाहर निकल सकें।

जब भी आपकी जिंदगी में कोई दुःख आये, कोई मुश्किल या मुसीबत आये हमेशा अपने आप से कहें कि ये दुःख, ये मुश्किल, ये मुसीबत मेरी हिम्मत के आगे बहुत छोटी है और ये मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते और मैं इनसे हारूँगा नहीं, मैं इनका सामना करूँगा और इन्हें हरा दूँगा।

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12 thoughts on “Hindi moral story 13 : अपने आप को अपनी मुश्किलों, मुसीबतों से बड़ा बना लो”

  1. Bahut hi badiya story hai sir. Yahi sachhai hai. hum jitna khud ko kamzor samajhte hain utna hi or kamzor hote chale jaate hain.

  2. बहुत ही प्रेरणादायी कहानी है सर. हमें किसी भी मुसीबत से हार नहीं माननी चाहिए बल्कि हिम्मत करके उसका सामना करना चाहिए.

  3. Hi Puspendra,

    Very true and motivating story. Actually, you made it very easy for every one of us by sharing your thoughts & views in native language Hindi.

    All the best & keep sharing!

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