सुहास गोपीनाथ : दुनिया के सबसे कम उम्र के CEO
14 वर्ष की उम्र में जहाँ बच्चे ज्यादातर खेलने कूदने में लगे होते हैं, वहीँ एक बच्चे ने 14 वर्ष की उम्र में एक कम्पनी की स्थापना कर दी और दुनिया का सबसे कम उम्र का CEO (Chief Executive Officer) बन गया| CEO किसी भी कंपनी का सबसे मुख्य और जिम्मेदारी भरा पद होता है | इस बच्चे ने पूरी दुनिया के सामने साबित किया कि अगर किसी के अन्दर, अपने काम के प्रति लगाव, Passion, दृढ़ संकल्प और कुछ नया करने की Burning Desire है तो वह बिना पैसो के और बिना किसी डिग्री डिप्लोमा के भी अपने सपनों को साकार कर सकता है और आसमान की बुलन्दियों को छू सकता है |
इस बच्चे का नाम है सुहास गोपीनाथ | ये मात्र 14 वर्ष की उम्र में कम्पनी के CEO बनकर पूरी दुनिया के सबसे कम उम्र के CEO बने और आने वाली पीढ़ी के लिए एक मिसाल बने |
आज मैं आपको उनके इस ऐतिहासिक सफर के बारे में बता रहा हूँ |
सुहास का बचपन
सुहास का जन्म बैंगलोर में एक मध्यमवर्गीय परिवार में 4 नवम्बर 1986 में हुआ था | इनके पिता इंडियन आर्मी में Scientist थे तथा माता एक Housewife थी | इनकी स्कूली शिक्षा बैंगलोर के Air force स्कूल में हुई | बचपन में इनका लगाव पशु विज्ञान में था | पहली बार कम्प्यूटर के बारे में उन्होंने अपने दोस्तों से सुना तब उनके मन में भी कम्प्यूटर के लिए चाहत हुई | लेकिन उस समय उनके घर पर कम्प्यूटर नहीं था और ना ही वो कम्प्यूटर Afford कर सकते थे | इसलिए उन्होंने अपने घर के पास एक Cyber Café में जाना शुरू कर दिया | उस समय उन्हें Pocket Money के तौर पर हर महीने सिर्फ 15 रु० मिलते थे | जिनसे रोजाना Cafe जाकर Net Surfing नहीं की जा सकती थी |तब उन्होंने Cafe के बारे एक चीज नोटिस की | कि वह कैफे रोजाना दोपहर में 1 बजे से 4 बजे तक बन्द रहता है | उन्होंने दुकानदार को एक प्रस्ताव दिया कि 1 बजे से 4 बजे तक वह उसका कैफे खोलेंगे और ग्राहकों का ध्यान रखेंगें तथा इसके बदले वह उन्हें फ्री में Net Surfing करने दे | Cafe Owner ने उनकी बात मान ली और वह कैफे में काम करने लगे |
12 वर्ष की उम्र में लगा शौक
जब उन्होंने कैफे वाली डील की तब उनकी उम्र लगभग 12 वर्ष थी | अब उनके पास कम्प्यूटर भी था और इंटरनेट भी था | कैफे में काम करते – करते उनका झुकाव Web Designing की ओर हुआ और उन्होंने Web Designing सीखना शुरू कर दिया | फिर उन्होंने Website बनाना शुरू कर दिया और फिर ये उनका Passion बन गया |
13 वर्ष की उम्र में पहली कमाई
13 साल की उम्र में वे एक Freelance Market पर Web Builder के रूप में Ragister हो गये | पहली वेबसाइट उन्हें फ्री में बनानी पड़ी क्योंकि उनके पास कोई Reference नहीं था | उसके बाद उन्हें दूसरी वेबसाइट बनाने के लिए 100 Doller मिले जो उनकी पहली कमाई थी | उसके बाद तो कई कम्पनियाँ उन्हें अपना Web Designer बनाने के लिए Approach करने लगी |
14 वर्ष की उम्र में की अपनी कम्पनी की शुरुआत
14 वर्ष की उम्र में सुहास को US की एक कम्पनी ने पार्ट टाइम जॉब का ऑफर दिया | लेकिन उन्होंने वो ऑफर ठुकरा दिया क्योंकि वे अपनी कम्पनी शुरू करना चाहते थे | इसके कुछ समय बाद सुहास ने अपनी कम्पनी Globals INC की शुरुआत की और इसे अमेरिका में रजिस्टर कराया क्योंकि भारत में 18 वर्ष से कम उम्र का कोई भी व्यक्ति कम्पनी नहीं खोल सकता है | US में कम्पनी रजिस्टर करने में मात्र 15 मिनट लगे और वो अपनी कम्पनी के Chairman और CEO बन गये | उनका एक अमेरिकन दोस्त बोर्ड मेम्बर बन गया |
15 वर्ष के उम्र में बने लखपति
पहले वर्ष कम्पनी का टर्न ओवर 1 लाख रु० था जो दूसरे साल बढ़कर 5 लाख रु० हो गया |
16 वर्ष में उम्र में विदेश में खोले ऑफिस
लगभग 16 वर्ष की उम्र में उन्होंने महसूस किया कि IT कम्पनियाँ US पर फोकस कर रही हैं | उसके बाद उन्होंने स्पेन तथा इटली में अपने ऑफिस खोले |
17 वर्ष की उम्र डॉ० ए० पी० जे० अब्दुल कलाम से मिले
जब सुहास डॉ० कलाम से मिले तब डॉ० कलाम भारत के राष्ट्रपति थे और सुहास उस समय लगभग 17 वर्ष के थे | उनकी मीटिंग मात्र 15 मिनट ले लिए ही थी | लेकिन उनका conversation इतना intense था | कि उनकी बातचीत लगभग डेढ़ घंटे तक चली | दोनों ने दो दोस्तों की तरह बात की और यह मीटिंग उनके लिए यादगार और Learning Experience बन गयी |
18 वर्ष की उम्र में कम्पनी भारत में रजिस्टर की
जिस दिन सुहास 18 वर्ष के हुए उसी दिन उन्होंने अपनी कम्पनी Globals INC को भारत में रजिस्टर करा लिया | तथा चार लोगो को Recruit करके अपना ऑफिस उसी कैफे के बगल में खोला जहाँ से उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत की थी |
10वी० में हुए फेल
कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है | अपनी कम्पनी के काम में व्यस्त रहने के कारण वे अपनी पढाई के लिए समय नहीं निकाल पाए जिससे वे 10वी० की गणित की परीक्षा में फेल हो गये | इससे उनके Parents काफी हैरान हो गये क्योंकि सुहास इससे पहले किसी परीक्षा में फेल नहीं हुए थे | अब उनके पेरेंट्स ने उन्हें पढाई पर ध्यान देने के लिए जोर दिया तो सुहास ने उनकी बात मान ली और 4 महीने तक कम्पनी का कोई भी काम नहीं किया | उन्होंने अपना ज्यादातर समय पढाई में लगाया और 1st Division में पास हुए |
Engineering बीच में छोड़ी
अपने parents की इच्छाअनुसार उन्होंने Engineering में Admission तो ले लिया लेकिन Bill Gates की तरह उसे Complete नहीं कर पायें | जब वे 5th Semester में थे तभी उन्हें World Bank ने उनकी Board मीटिंग Attend करने के लिए Invite किया | उस Board में वो अकेले ही भारतीय थे | इस तरह वे World Bank के Board Member बन गये और उनकी Engineering बीच में ही छूट गयी |
उनकी उपलब्धियाँ
- सुहास World Bank की ICT Advisory Council के Board Member हैं |
- 2005 में उन्हें कर्नाटक सरकार ने “Rajyotsava Award” से नवाजा |
- 2007 में उन्हें European Parliament and International Association for Human Values ने “Young Achiever Award” से सम्मानित किया |
- 2008 – 2009 में World Economic Forum ने “Young Global Leaders” के सम्मान से नवाजा |
- वे World Economic Forum के अब तक के सबसे युवा सदस्य हैं |
दोस्तों आज उनकी उम्र मात्र 29 वर्ष है और वे एक Multi Million Dollar कम्पनी के मालिक हैं | उन्होंने एक छोटे से Cyber Cafe से अपनी कम्पनी की शुरुआत की और आज इसके Operations USA, UK, Spain, Italy, Australia आदि देशों में फैले हुए हैं |
दोस्तों जब ज्यादातर लोग खेलने कूदने और अपनी पढाई पूरी करने में ही लगे होते हैं तभी सुहास गोपीनाथ ने अनेकों उपलब्धियाँ हासिल कर ली |
तो दोस्तों ये कहानी थी दुनिया के सबसे कम उम्र के CEO सुहास गोपीनाथ की | जिससे हमें ये प्रेरणा मिलती है कि अगर हमें हमारे सपनों का पता है, हमें हमारा लक्ष्य मालूम है और हमारे अन्दर दृढ संकल्प, अपने काम के प्रति लगाव, Passion और उस सपने को पूरा करने की Burning Desire है तो फिर हमें दुनिया की कोई भी चीज अपने सपने को पूरा करने से नहीं रोक सकती | फिर चाहे हमारे पास पैसा, धन या डिग्री डिप्लोमा हो या ना हो |
……Best of Luck
Source – Wikipedia, Internet
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Thanks
Very inspiring story…thanks for sharing
बहुत बहुत धन्यवाद आपका संदीप जी ………….बस आप लोगो का प्यार और सपोर्ट ऐसे ही मिलता रहे …..यही दुआ है |
Pushpendra ji aap bahut hi prabhavshali tarike se likhte ho. apki do lines padhne ke baad main aage padhne ke liye mazboor ho jata hun. Aise hi likhte rahiye. Bahut hi zabardast dhang se apne suash ki success story share ki hai