Karsan Bhai Patel Biography (Nirma Founder) : करसन भाई पटेल की जीवनी

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Karsan Bhai Patel Success Story in Hindi : Hello Friends, आज हम आपको करसन भाई पटेल की जीवनी (Karsan Bhai Patel Biography)सुनाने जा रहे हैं। Karsan Bhai Patel जो निरमा कंपनी के संस्थापक (निरमा कंपनी के मालिक) हैं। उनके लैब असिस्टेंट से अरबपति बनने तक का सफर बताने वाले हैं। करसन भाई पटेल (Nirma founder Karsan Bhai Patel), निरमा की सफलता की कहानी (Success story of Nirma / Nirma success story in hindi), करसन भाई पटेल की बायोग्राफी (Karsan Bhai Patel biography in hindi)।

अगर व्यक्ति की सोच बड़ी हो और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो यह बात मायने नहीं रखती कि इन्सान की वर्तमान परिस्थितियाँ क्या है? जिसे यह पता हो कि उसे जिन्दगी में क्या करना है? जिसे यह पता हो कि उसका सपना क्या है? जिसे यह पता हो कि उसकी मंजिल कहाँ है? वह जिन्दगी की तमाम चुनौतियों, मुश्किलों और विपरीत परिस्थितियों से निकलकर अपनी सोच और जज्बे से अपने सपनों को पूरा करता है, अपनी मंजिल को हासिल करता है और आसमान की बुलंदियों को छूता है।

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आज मैं आपके सामने एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहा हूँ जो अपनी बड़ी सोच, मेहनत और लगन से जमीन से उठकर आसमान तक पहुंचा है। उस शख्स का नाम है करसन भाई पटेल। करसन भाई पटेल निरमा ग्रुप के संस्थापक और चेयरमैन हैं। एक समय करसन भाई साइकिल पर घूम घूम कर घर घर जाकर डिटर्जेंट पाउडर बेचा करते थे। लेकिन आज उनकी कुल सम्पत्ति 1.76 Billion Dollar (लगभग 11712 करोड़ रु० as per Forbes Magazine 2016) है।

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करसन भाई पटेल की सफलता की कहानी (Success story of Karsan Bhai Patel /Karsan Bhai Patel Success Story)

आज मैं आपको निरमा कंपनी के मालिक करसन भाई पटेल की प्रेरणादायक ज़िंदगी (Nirma founder Karsan Bhai Patel motivational story in hindi) के बारे में बता रहा हूँ।

प्रारम्भिक जीवन

करसन भाई पटेल का पूरा नाम करसन भाई खोड़ीदास पटेल है। जिन्हें लोग K.K. Patel  के नाम से भी जानते हैं। करसन भाई का जन्म 13 अप्रैल 1944 में गुजरात के मेहसाना में एक किसान परिवार में हुआ था। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा मेहसाना के स्थानीय स्कूल में ही हुई। उस समय बहुत कम लोग स्कूल के बाद शिक्षा प्राप्त कर पाते थे। लेकिन करसन भाई ने तब भी Chemistry में B. SC की डिग्री प्राप्त की।

नौकरी की शुरुआत

Chemistry में B.Sc की डिग्री लेने के बाद करसन भाई ने अहमदाबाद स्थित न्यू कॉटन मिल्स में Lab Assistant की नौकरी करनी शुरू कर दी। कुछ समय बाद उन्होंने ये नौकरी छोड़कर गुजरात सरकार के खनन एवं भूविज्ञान डिपार्टमेंट में नौकरी करनी शुरू कर दी।

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निरमा की शुरुआत (Beginning of Nirma)

करसन भाई Lab Assistant की सरकारी नौकरी तो कर रहे थे लेकिन उनके मन में कुछ बड़ा करने का था। और इसीलिए उनका मन काम में ज्यादा नही लगता था। काम करते करते उनके दिमाग में कुछ बड़ा करने का विचार हमेशा चलता रहता है। इसी दौरान एक दिन उनके मन में आइडिया आया कि कोई ऐसा डिटर्जेंट पाउडर तैयार किया जाये जो quality में साबुन जैसी बेहतर धुलाई कर सके और कीमत में साबुन तथा मौजूदा डिटर्जेंट पाउडर से कम हो। जिसे कम Income वाले लोग भी खरीद सकें।

बस आइडिया आते ही इन्होने अपने Lab में मिले अनुभव का प्रयोग करते हुए काम करना शुरू कर दिया। कई दिन अपने आइडिया पर काम करते हुए इन्हें आख़िरकार सफलता मिल ही गई। इन्होने पीले रंग का ऐसा पाउडर तैयार कर लिया जो धुलाई में साबुन से कम ना हो और जिसे कम दाम पर बेचा जा सके।

अब समस्या यह आई कि इस पाउडर का उत्पादन कैसे किया जाये? और इसे लोगों तक कैसे पहुँचाया जाये? उस समय उनके पास इतना पैसा नही था कि वह फैक्ट्री लगा सकें या मशीन खरीद सकें और ना ही उस समय वे इस स्थिति में थे कि वे अपने साथ किसी कर्मचारी को रख सकें और उसे सैलरी दे सकें। इसलिये उन्होंने खुद ही यह काम करने का फैसला किया। उन्होंने अपने घर के पिछवाड़े एक जगह पर पाउडर बनाने का काम शुरू कर दिया। वह अपनी नौकरी से बचे हुए समय में बिना मशीन के अपने हाथों से ही chemicals को मिलाकर पाउडर बनाते थे।

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पाउडर बनाने के बाद वह उसे पैकेटों में भरकर 10–15 पैकेट अपनी साइकिल पर रखकर रोजाना सुबह शाम नौकरी पर जाते और आते हुए बेचा करते थे। वह आते जाते रास्ते में मिलने वाले सभी लोगों से एक बार पाउडर खरीदकर उसे इस्तेमाल करने का आग्रह करते तथा पसंद ना आने पर पैसे वापस करने की गारंटी देते थे। उन्होंने अपने detergent powder की कीमत 3 रु० प्रति किलोग्राम रखी थी जबकि उस समय बाजार में मिलने वाले detergent powder की कीमत 12-13 रु० प्रति किलोग्राम थी।

लोगों ने पाउडर आजमा कर देखा तो उन्हें पाउडर अच्छा लगा। इतनी कम कीमत पर बेहतर धुलाई करने वाला उनका पीला पाउडर बहुत जल्दी लोगों की पसंद बन गया। घर घर में उनके पाउडर की demand बढ़ने लगी।

1969 में उनके पाउडर की मांग इतनी बढ़ गई कि वे अकेले इसकी supply नहीं कर सकते थे। इसलिए उन्होंने नौकरी छोडकर एक छोटी सी फैक्ट्री लगाई। कुछ कर्मचारियों और मशीनों के साथ उन्होंने “निरमा” नाम से अपना पाउडर बाजार में Launch किया।

देखते देखते ही निरमा बन गया एक पसंदीदा “Brand” (Soon Nirma became a favorite “Brand”)

पहले कम income वाले लोगों की पसंद होने वाला उनका डिटर्जेंट पाउडर अब लगभग सभी लोगों की पसंद बन गया। उस समय इसका मुकाबला Hindustan Lever के वाशिंग पाउडर के साथ था। तब करसन भाई ने  रेडियो तथा समाचार पत्रों में विज्ञापन देने शुरू किये। उस समय मौजूद डिटर्जेंट पाउडर के दाम काफी महंगे होने के कारण और निरमा के दाम काफी कम होने तथा quality बेहतर होने के कारण निरमा डिटर्जेंट घर घर तक पहुँच गया और छोटी बड़ी सभी आय वाले लोगों की पसंद बन गया।

कम दाम और बेहतर quality के कारण निरमा पाउडर गुजरात, महाराष्ट्र से होते हुए पूरे भारत का एक पसंदीदा brand बन गया। और washing powder का पर्याय बन गया।

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निरमा का विस्तार (Scope of Nirma Brand)

पूरे भारत में निरमा का सबका पसंदीदा डिटर्जेंट पाउडर बनने के बाद करसन भाई नें उच्च आय वर्ग वाले लोगों को ध्यान में रखते हुए कुछ महंगे product जैसे टायलेट साबुन (Toilet soap) बनाने शुरू किये। लेकिन यह निरमा डिटर्जेंट पाउडर की सफलता को दोहरा ना सका।

1999 तक आते आते निरमा एक ऐसा Brand बन गया जो Nirma Detergent, Nirma Bath, Nirma Beauty Saop तथा Super Nirma Detergent आदि Product बनाने लगा था। बाद में निरमा ने शैंपू तथा टूथपेस्ट भी बनाने शुरू किये लेकिन ये Product ज्यादा सफल नहीं हो पाये। इसके बाद निरमा ने सस्ता और बेहतर Quality वाला “शुद्ध” नाम से नमक बाजार में उतारा जो काफी हद तक सफल रहा।

अपने आपको भारत के एक महत्वपूर्ण तथा पसंदीदा ब्राण्ड के रूप में स्थापित करने के बाद करसन भाई ने अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में अपने कदम बढ़ाने शुरू किये। सबसे पहले उन्होंने बांग्लादेश में एक joint venture स्थापित किया। उसके बाद चीन, अफ्रीका तथा एशियाई देशों में भी अपने बिजनेस को फैलाया। नवम्बर 2007 में अमेरिकी कच्चे माल की कम्पनी Searles Valley Minerals ins. को खरीदकर करसन भाई दुनिया की Top Soda ash निर्माता कंपनियों में शामिल हो गये।

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आज निरमा की वैल्यू (Today Nirma’s value /Nirma’s Net worth)

1969 में शुरू हुआ निरमा डिटर्जेंट पाउडर आज “Nirma Group of Companies” बन गया है। आज निरमा ग्रुप में 18000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। तथा इसके नेटवर्क में 400 से ज्यादा distributors तथा 2 लाख से ज्यादा dealers जुड़े हुए हैं। आज निरमा की साबुन बाजार में हिस्सेदारी करीब 20% तथा डिटर्जेंट पाउडर के क्षेत्र में लगभग 35% हिस्सेदारी है। आज निरमा ग्रुप की Net worth लगभग 11712 करोड़ रूपये है। तथा आज निरमा ग्रुप डिटर्जेंट पाउडर, साबुन, नमक, सोडा एश, Linear Alkyle Benzene, Packaging, Cosmetics आदि क्षेत्रों में बिजनेस करता है।

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निरमा नाम कहाँ से मिला (Where did you get the name Nirma?)

करसन भाई पटेल ने अपनी दिवगंत पुत्री “निरुपमा” के नाम पर अपने ब्राण्ड का नाम “निरमा” रखा था।

निरमा का स्लोगन (Nirma’s slogan)

निरमा को घर घर तक पहुँचाने तथा इसे सफल बनाने में सबसे बड़ा हाथ इसके विज्ञापन और इसके स्लोगन “सबकी पसंद निरमा” का है। इसके कुछ विज्ञापनों की Tag Lines नीचे दी हुई हैं।

  • मान गये! किसे? आपकी पारखी नजर और निरमा सुपर, दोनों को।
  • दूध सी सफेदी निरमा से आये, रंगीन कपड़े भी खिल खिल जाये, सबकी पसंद निरमा, वाशिंग पाउडर निरमा, वाशिंग पाउडर निरमा।
  • हेमा, रेखा, जया और सुषमा, सबकी पसंद निरमा।

अपने विज्ञापनों की इन लाइनों से ही निरमा लोगों की जुबान पर चढ़कर बोलने लगा।

शिक्षा के क्षेत्र में योगदान (Nirma Brand’s Contribution in the field of education)

करसन भाई पटेल ने शिक्षा के क्षेत्र में भी सराहनीय योगदान दिया है। उन्होंने अहमदाबाद तथा गुजरात में बहुत से Colleges का निर्माण करवाया है। जिन्हें “निरमा एजुकेशन एण्ड रिसर्च फाउन्डेशन” संस्था द्वारा संचालित किया जाता है। उनके द्वारा बनवाये गये Colleges की सूचि नीचे दी गई है।

  1. Nirma Institute of Technology (1995)
  2. Nirma Institute of Management (1996)
  3. Nirma Institute of diploma studies (1997)
  4. Nirma Institute of pharmacy (2003)
  5. Nirma Institute of science (2004)
  6. Nirma Institute of law (2007)

ये सारे Institutes “निरमा यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी” के अन्तगर्त आते हैं।

उपलब्धियाँ (Nirma Brand’s Achievements)

  1. फोर्ब्स पत्रिका (Forbes Magazine) के अनुसार 2016 में करसन भाई की कुल संपत्ति 76 Billion Dollar(लगभग 11712 करोड़ रु०) है तथा ये दुनिया के सबसे अमीर लोगों में 1121वें स्थान पर हैं तथा भारत के सबसे अमीर लोगो की लिस्ट में 50वें स्थान पर हैं।
  2. 2001 में “फ्लोरिडा अटलांटिक विश्वविधालय, फ्लोरिडा, संयुक्त राज्य अमेरिका”द्वारा करसन भाई को मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया।
  3. 1998 में “गुजरात व्यवसायी पुरस्कार” से सम्मानित किया गया।
  4. वे दो बार साबुन और डिटर्जेंट विकास परिषद के अध्यक्ष चुने गए।
  5. गुजरात डिटर्जेंट मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बनाये गए।
  6. 1990 में नई दिल्ली के लघु इंडस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा “उद्योग रत्न” की उपाधि से विभूषित किये गए।
  7. उन्हें गुजरात के वाणिज्य और उद्योग चैंबर, अहमदाबाद, द्वारा सन 1990 में ‘उत्कृष्ट उद्योगपति’ के सम्मान से नवाजा गया।
  8. रोटरी इंटरनेशनल द्वारा कापोर्रेट गवर्नेस में उत्कृष्टता पुरस्कार दिया गया।

तो दोस्तों, आपने देखा कि कैसे करसन भाई ने अपनी बड़ी सोच से एक लैब असिस्टेंट से एक अरबपति बनने का सफ़र तय किया। उन्होंने एक बड़ा सपना देखा। अपनी सोच बड़ी रखी। और फिर उस सपने को पूरा करने में आने वाली तमाम बाधाओं को पार करते हुए आकाश कि बुलंदी पर छा गये।

इसलिए दोस्तों अपनी सोच को हमेशा बड़ी रखें। बड़े सपने देखें। आज आप चाहे जिस भी स्थिति में हों हमेशा उस स्थिति से ऊपर उठने की कोशिश करते रहें। हमेशा अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने की संभावनाओं पर विचार करते रहें।

 

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9 thoughts on “Karsan Bhai Patel Biography (Nirma Founder) : करसन भाई पटेल की जीवनी”

  1. धन्यवाद् रोहताश जी ……बस आप जैसे भाइयों का प्यार और साथ ऐसे ही मिलता रहे ……….

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