प्यार क्या है? प्यार क्या होता है? ( Pyar kya hai, pyar kya hota hai)

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आजकल जरा जरा सी उम्र के बच्चे पढ़ने लिखने में ध्यान लगाने के बजाय प्यार प्यार करते घूम रहे हैं। जबकि सच्चाई ये है कि बहुत से लोग pyar kya hai, pyar kya hota hai इन बातों का मतलब भी नहीं जानते हैं। जिसकी वजह से गलतफहमी में लोगों के  दिल भी जल्दी टूट जाते हैं। फिर या तो वो देवदास बन जाते हैं या फिर कोई गलत कदम उठा लेते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम इसी के बारे में बताने जा रहे हैं।

फरवरी के महीने को प्यार  (Love) का महीना कहा जाता है क्योंकि प्रेमियों का त्यौहार Valentine Day इसी महीने में पड़ता है। Valentine Day 14 फरवरी को मनाया जाता है लेकिन इसकी तैयारियाँ फरवरी के शुरू होते ही होने लगती है। ज्यादातर प्रेमी प्रेमिकायें अपने प्यार का इजहार इसी महीने में करते हैं। कुछ लोगो का प्यार स्वीकार हो जाता है तो कुछ को निराशा हाथ लगती है। कुछ लोगो को अपनी प्यार की मंजिल मिल जाती है तो कुछ लोगो के दिल भी टूटते हैं।

तो आइये सबसे पहले शुरुआत करते हैं प्यार से, कि आखिर ये प्यार चीज क्या है?

प्यार क्या है, प्यार का मतलब  क्या है? (Pyar kya hai, pyar ka matlab kya hota hai?)

प्यार को शब्दों में बयाँ नहीं किया जा सकता और ना ही प्यार की कोई परिभाषा है। इसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है। ये तो एक ऐसा खूबसूरत  एहसास है जो दो लोगो को बहुत गहराई से आपस में जोड़ता है। ये एक ऐसा बंधन है जो दो लोगों को रूह की गहराई से बांध देता है। प्यार आसानी से किसी से हो तो सकता है पर आसानी से ख़त्म नहीं हो सकता।

प्यार को सिर्फ वो महसूस कर सकता है जो सच में किसी से सच्चा प्यार करता है। प्यार की कोई भाषा नहीं होती है। ये शब्दविहीन (wordless) होता है। प्यार सिर्फ दिल की आवाज सुनता है। दिल की धड़कनों को महसूस करता है।

प्यार एक समर्पण है जिसमे इंसान अपने प्यार के लिए पूरी तरह समर्पित हो जाता है, प्यार एक ऐसा त्याग है जिसमे इंसान प्यार के लिए दुनिया की सारी दौलत को ठुकरा देता है, प्यार एक ऐसी तपस्या है जिसमे इंसान अपनी सारी खुशियां, अपने सारे ऐशो आराम अपने प्यार के लिए कुर्बान कर देता है।

इसे भी पढ़ें – 60 इशारे जो बतायेंगे कि आपको किसी से प्यार हो गया है

प्यार क्या होता है? प्यार कैसे किया जाता है? (Pyar kya hota hai? Pyar kaise kiya jata hai)

प्यार में वो शक्ति होती होती है कि जब किसी से प्यार हो जाता है तो इंसान सात समंदर पार से चला आता है अपने प्यार के पास, प्यार में वो ताकत होती है कि इंसान दुनिया बनायीं तमाम बंदिशों को तोड़ देता है, प्यार के लिए सारी दुनिया से लड़ सकता है।

प्यार का दायरा बहुत बड़ा होता है। प्यार सिर्फ प्रेमी प्रेमिकाओं तक सीमित नहीं है। प्यार किसी भी इंसान को किसी के भी प्रति हो सकता है। प्यार किसी को भी, किसी से भी, किसी भी उम्र में और कहीं पर भी हो सकता है। प्यार धर्म, जाति, रंग, रूप, अमीरी, गरीबी से बहुत दूर होता है। सच्चे प्यार में इन चीजों की कहीं पर भी जगह नहीं होती है। प्यार तो बस प्यार है। ये तो बस हो जाता है।

प्यार इंसान की सोच को सकारात्मक बना देता है। प्यार में इंसान बेवजह खुश हो जाता है, बिना किसी बात पर मुस्कुरा देता है। प्यार इंसान को जिंदादिल बना देता है। प्यार इंसान को जिम्मेदार बनाता है। प्यार इंसान की जिन्दगी में खुशियाँ लेकर आता है। प्यार में हर एक चीज खूबसूरत  लगती है। प्यार जिंदगी को जीने का नजरिया बदल देता है और एक खुशहाल जीवन जीने  का जज्बा देता है।

अपनों से दूर रहते हुए भी अगर किसी का प्यार साथ हो तो बड़ी से बड़ी मुश्किलें भी बड़ी आसानी से सुलझ जाती हैं। प्यार इंसान को जिंदगी के मायने सिखा देता है। प्यार में वो ताकत होती है जो दुश्मन को भी दोस्त बना देती है। इंसान चाहे कितनी भी दौलत कमा ले, चाहे कितना भी अमीर बन जाये अगर उसकी जिन्दगी में सच्चा प्यार नहीं है तो वह कभी खुश नहीं रह सकता।

इसे भी पढ़ें :- क्या करें जब प्यार में दिल टूट जाये -12 तरीके खुद को संम्भालने के

प्यार और आकर्षण में अन्तर (Difference between love and attraction)

आकर्षण (अस्थायी प्यार) – आमतौर पर पहली नजर में हमें किसी का चेहरा पसंद आ जाता है, किसी की आँखे पसंद आ जाती है, किसी का बात करने का स्टाइल पसंद आ जाता है, या किसी का व्यवहार। इसे पहली नजर का प्यार (Love at first sight) कहते हैं। कॉलेज के दिनों में, स्कूल के दिनों में, या कम उम्र में होने वाला ज्यादातर प्यार Attraction ही होता है जिसमें Feelings तो प्यार वाली ही होती हैं लेकिन कम उम्र होने के कारण प्यार का इजहार करने में झिझकते हैं।

कभी कभी पढाई लिखाई पर ज्यादा ध्यान देने के कारण सिरियस रिलेशनशिप के लिए तैयार नहीं होते हैं तो कभी कभी Career तथा जिन्दगी की प्राथमिकतायें बदलने के साथ ही पहला प्यार पीछे छूट जाता है।

आकर्षण (Temporary Love) इन्सान की ख़ूबसूरती  , उसके लुक्स, उसकी Body Language से होता है और ज्यादातर ये एक तरफ़ा होता है। कभी कभी दोनों ओर से भी आकर्षण होता है। कभी कभी सिर्फ क्रश बनकर रह जाता है तो कभी कभी आपसी समझ से एक रिश्ते का भी रूप ले लेता है। लेकिन आकर्षण (Temporary Love)  ज्यादातर एक अस्थायी प्यार होता है। जो एक साथ कई लोगो से हो सकता है।

ये जरुरी नहीं कि हमें जिसके प्रति आकर्षण हो रहा है  उसे भी हमारे अन्दर कोई बात पसंद आ जाये या हमसे प्यार हो जाये। अगर थोड़ी बातचीत शुरू हो गयी तो हम बिना सामने वाले की इच्छा जाने उस पर अपना हक जताने लगते हैं, अधिकार जताने लगते हैं। हम सामने वाले की सोच और इच्छा जाने बिना और उसे अच्छी तरह से समझे बिना ही उससे बहुत सी ख्वाहिशें, उम्मीदें पाल लेते है लेकिन जब सामने वाला उन ख्वाहिशों को पूरा नहीं कर पाता है या हमारी लगायी हुई उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाता है तो ये आकर्षण (Temporary Love)  बहुत जल्दी ख़त्म भी हो जाता है।

अगर हमारे प्यार की रफ़्तार बहुत तेजी से बढ़ रही है तो समझ जाना चाहिए कि ये प्यार नहीं आकर्षण है। आकर्षण वाला प्यार बहुत जल्दी शुरू होता है और बहुत जल्दी बहुत कुछ पाने की ख्वाहिश में खत्म भी हो जाता है। कभी कभी आकर्षण सिर्फ हवस और वासना के कारण भी हो जाता है जो दिखावे का प्यार होता है। आकर्षण ज्यादातर सिर्फ सेक्स पर आकर रुक जाता है या खत्म हो जाता है।

आकर्षण किसी एक से नहीं होता है। ये एक साथ कई लोगों से हो सकता है।  इसमें इंसान किसी एक आदमी के साथ बँधकर नहीं रहना चाहता।  इसमें प्रतिबद्धता  (commitment) की कमी होती है। इसमें तो अगर एक इंसान से ज़रूरते पूरी नहीं हुई तो इंसान उसे छोड़कर दूसरे के पास अपनी ज़रूरतें पूरी करने चला जाता है। किसी पर ज़रा सी मुसीबत, या मुश्किल समय आ जाता है तो लोग उसे छोड़कर दूसरे के पास चले जाते हैं।

सच्चा प्यार क्या होता है ? (Sacha pyar kya hota hai?)

सच्चा प्यार सच्चा प्यार कभी भी किसी को देखते ही नहीं होता। सच्चा प्यार तो एक दूसरे को जानने और समझने के बाद होता है। सच्चे प्यार में कोई जल्दबाजी नहीं होती है। इसमें एक ठहराव होता है। इसमें तो दोनों की understanding होती है, एक दूसरे पर भरोसा होता है, एक दूसरे की respect होती है, एक दूसरे की कद्र होती है।

सच्चा प्यार सिर्फ एक से ही होता है।  सच्चा प्यार हमेशा के लिए होता है। यह कभी खत्म नहीं होता है क्योंकि ये एक दूसरे को जानने और समझने के बाद होता है। सच्चे प्यार में लोग एक दूसरे के मन से जुड़े होते हैं, दिल की गहराई से जुड़े होते हैं। सच्चे प्यार में प्रतिबद्धता  (commitment)  होती है, जिम्मेदारी का एहसास होता है।

pyar kya hai

सच्चे प्यार करने वाले चाहे दुनियां के किसी भी कोने में हो, लेकिन वो मन से, दिल से, आत्मा से हमेशा पास होते हैं,  एक दूसरे के साथ होते हैं, एक दूसरे से  जुड़े होते हैं। सच्चा प्यार रंग, रूप, खूबसूरती, हवस, वासना से बहुत दूर होता हैं। ये तो आत्माओं का मिलन होता हैं। सच्चा प्यार कभी नहीं हारता। बेशक उसे अपनी मंजिल ना मिले, लेकिन वो कभी ख़त्म नहीं होता बल्कि अमर हो जाता हैं।

सच्चे प्यार मे लोग एक दूसरे की खुशियों का ख्याल रखते है, एक दूसरे की  care करते है, सुख दुख और मुश्किल समय में हमेशा साथ रहते हैं और जिन्दगी भर साथ निभाते हैं। जब किसी को किसी से सच्चा प्यार हो जाता है तो उनकी सोच, उनकी Feelings, उनके सपने एक हो जाते हैं।

प्यार कब होता है ? (Pyar kab hota hai?)

प्यार की कोई निश्चित उम्र या समय नही होता। ये तो जब होना होता है बस हो जाता है। प्यार कभी भी हो सकता है। ये स्कूल के दिनो में हो सकता है, ये collage के दिनों में हो सकता है, ये किशोरावस्था में हो सकता है। प्यार शादी के बाद भी हो सकता है, प्यार बुढ़ापे में भी हो सकता है। ये तो एहसास है जो कभी भी, किसी से भी, किसी को भी देखकर हो सकता है और धीरे धीरे समय के साथ गहरा होता जाता है।

प्यार कैसे होता है? (Pyar kaise hota hai?)

ये नही कहा जा सकता कि प्यार कहाँ, कैसे और किससे हो जाये?  आपको आपके आस पड़ोस में प्यार हो सकता है,  अपने स्कूल, कॉलेज में साथ पढ़ने वाले साथी से हो सकता है, अपने  teacher  से हो सकता है, आपकी कंपनी में साथ में  काम करने वाले से हो सकता है, रिश्तेदारी में हो सकता है। किसी की अच्छाईयां, खूबियाँ, खूबसूरती आपको कहीं भी भा सकती हैं।

कोई आपको शादी में पसंद आ सकता है, कोई आपको कॉलेज कैंटीन, या कॉलेज लाइब्रेरी में पसंद आ सकता है, कोई किसी कोचिंग सेन्टर में पसंद आ सकता है तो कोई आपको मन्दिर, स्टेशन, ट्रेन, या बस में पसंद आ सकता है। मतलब कहने का ये है कि आपको कहाँ कोई पसंद आ जाये ये कहा नहीं जा सकता है।

बस इतना ध्यान रखना चाहिए कि अगर वह कुछ समय के लिए ही है या उसका ख्याल कुछ दिनों के बाद दिलों दिमाग से निकल जाता है तो ये प्यार नहीं Attraction  है। लेकिन अगर उसका अहसास आपको बार बार हो, उसका ख्याल, उसकी याद बार बार आये तो समझ जाना चाहिए कि आपको प्यार हो गया है।

प्यार क्यों होता है ? (Pyar kyu hota hai)

मान कर चलो कि आपने पहली बार किसी छोटे से बच्चे को देखा, आपने उससे बात करने की कोशिश की और उसने तोतली आवाज में आपसे कुछ कहा।  अब अगर आपको उसकी तोतली बात समझ में भी नहीं आई होगी तब भी आपको उसकी तोतली बात अच्छी लगेगी और उसकी प्यारी सी मुस्कान आपके चेहरे पर भी मुस्कान ला देगी और आपको उस बच्चे से लगाव हो जायेगा।

फिर आप रोजाना कोशिश करेंगे कि आप उसकी तोतली आवाज में कुछ सुने क्योंकि ये आपको पसंद है आपको अच्छा लगता है। बस ये लगाव ही तो वो जुड़ाव है जो आप अपने से महसूस करते हैं जो धीरे धीरे ये प्यार में बदल जाता है।

इंसान  का स्वभाव ही ऐसा है कि अगर उसे कहीं पर कोई चीज पसंद आ जाये या उसे कही पर थोड़ा सा अपनापन महसूस हो तो वह उसकी ओर आकर्षित हो जाता है और फिर धीरे धीरे यही आर्कषण लगाव बन जाता है और फिर धीरे धीरे प्यार में बदल जाता है।

 

pyar kya hota hai

 

हमारे साथ भी ऐसा होता है कि हमे भी किसी का चेहरा पसंद होता है तो किसी का स्टाइल।  किसी की आँखे पसंद आ जाती हैं  तो किसी के होठ।  किसी का बात करने का तरीका अच्छा लगता है तो किसी का व्यवहार। किसी के गुण हमें बहुत पसंद आते है तो किसी का साथ।

जब हमें किसी इंसान में कोई चीज पसंद आती है तो हम अपने आप ही अपने आपको उससे जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। कभी वक्त और दूसरी जिम्मेदारियों  के कारण ये जुड़ाव खत्म हो जाता है तो कभी  कभी बहुत बढ़ जाता है जो धीरे – धीरे प्यार में बदल जाता है। और फिर हमें उसकी आदत सी हो जाती है। और कभी कभी ये आदत दीवानगी बनकर  हद से भी गुजर जाती है।

क्या होता है जब प्यार होता है? (Kya hota hai jab pyar hota hai)

जब किसी को किसी से प्यार हो जाता है तो उसकी दुनियाँ बहुत बदल जाती है। एक अलग ही एहसास होता है प्यार का। प्यार में कभी – कभी इंसान बेवजह भी मुस्कुराता रहता है। जब किसी को किसी से प्यार होता है तो हर पल उसके ख्याल में, उसकी यादों में वही होता है जिससे वह प्यार करता है। उसकी हर अच्छी, बुरी बात अच्छी लगने लगती है।  बार – बार उसे देखने का, उससे मिलने का मन करता है। उसके पास रहने को दिल करता है।

ऐसा मन करता है कि वो हर पल सामने रहे, पास रहे, साथ रहे।  उसकी गलतियों पर भी प्यार आने लगता है।  उसकी पसंद के काम करने लग जाते है। उसकी पसंद के हिसाब से खुद को बदलने लग जाते है। रोमांटिक movie देखना शुरू कर देते है, रोमांटिक गाने सुनना,  गाना शुरू कर देते हैं।  रोमांटिक शायरी पढना शुरू कर देते है और यहाँ तक कि शायरी करना भी शुरू कर देते हैं।

उसके फोन का, उसके मैसेज आने का इंतजार रहता है। फोन चाहे किसी का भी हो, ऐसा लगता है कि जैसे उसी ने किया है। उसके नाम का पासवर्ड रख लेते है। एक दिन भी मिलना न हो या बात न हो तो बेचैन हो जाते है। उसकी ख़ुशी के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाते है।

 

और भी बहुत सी बातें है जो प्यार होने के बाद होने लगती हैं। जिन्दगी पूरी तरह बदल जाती है। इसे सिर्फ वो ही समझ सकता है जिसने कभी किसी से प्यार किया हो।

भगवान करे, आप सब की ज़िंदगी में सच्चा प्यार हो, सच्चा साथी हो।  

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78 thoughts on “प्यार क्या है? प्यार क्या होता है? ( Pyar kya hai, pyar kya hota hai)”

  1. hay Sir,
    pyaar kya hota hai mujhe pta nhi. but me 4 sal se kisi ke saat rehta aa rha hu…
    Aaj mere brackup hoye 7 years ho gye hai… mera pyaar kha hai kya kr hai kis ke saat hai mujhe kuch pta nhi… yha tk ki uske dosto se bhi meri koe baat nhi hoti…mujhe lgta hai wo mujhe bhul gya hai….kisi aur ke saat khush hai… wo mera pyaar…
    Lekin me aaj bhi usse bhul nhi pta har roj usski yaad aati hai …… uske liye me shyari bhi likhta hu… uski yaad me rehta hu….yha tk ki mene shadi bhi nhi ki……kisi aur ka khyal bhi nhi aata mere dil me.. uske shiwa….
    To sir yhe mera pyyaar hai…. yha phir usska nasha…..

  2. प्यार के बारे में हमने कई Articles पढ़ें पर कहना पड़ेगा की आपका Article बहुत ही शानदार है. आपकी वेबसाइट पर बहुत ही Useful Content Avaialble है. बेहतरीन लेख पेश करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद.

  3. WoW Sir …

    What an inspirational story …
    bahut accha likha hai sir aapne …
    mai bhi ye sab feel karta hu khud me …
    jaha tak maine pyar ko samjha hai aur kiya hai
    mai aapki ek ek baat se agree karta hu …
    aur mostly maine experience kiya hai jaisa aapne explain kiya hai …

    🙂 😀

  4. Hello Bharti,
    Thanks for comment….

    agar aap dono ek dusre ko bahut pyar karte ho,or dono hi shadi ko lekar serious ho or shadi karna chahte ho to fir jyada socho mat.
    Pyar me aksar ladayiyan hoti hain, or kabhi kabhi bahut jyada ho jati hain…lekin agar fir se baat karna shuru kar dete hain to iska matlab aap dono ke beech bahut pyar hai..

    lekin pyar me gaali galoch nafrat ka karan banti hai…

    isliye aap dono ko hi kuchh kaam karne padenge…

    1. jin baato ki wajah se jhagda hota hai unhe notice karen or likh k rakho..
    2. Pehle gussa kise aata hai or pehle gaali kon deta hai ise notice karen

    ab dono is baare me baithkar seriously baat karo ki dono ke man me shadi ko lekar kya opinion hai…aap dono shadi ko lekar kitne % serious ho.

    agar dono hi 100 % shadi karna chahte ho to ab ek aim banaye ki hamare bich jin baato ki wajah se jhagda hota hai…wo baate nhi karenge…
    agar ek ko gussa aa raha hai to dusra chup ho jaye
    gusse se nhi pyar se kaam le

    ek deadline banaye ki aaj se ham gussa nahi karenge or use follow karen…

    agar aap dono seriously shadi karna chahte h or apni life ko behtar banana chahte hai to aapas me baat karke gusse wali cheejo ko chhodkar un baato pe focus karen jisse aapko khushi milti hai….ek dusre ki care kare…ek dusre ki respect karen…

    Best of luck.

  5. Mera bf mujhse Sadi krna chahta h but hmari bahut Jada ldaiya ho jati h breakup ki bate or gali galouj bhi ho jati h iska mtlb Kya h

  6. प्यार एक एहसास है जिसका कोई वर्णन नहीं है प्यार के बारे में जितना कहूं कम है

  7. Mare ak question h ke ager kese ko hum pyar da not a physical relationship only love or wo hmare pyar ke kadar na kra or hm uska pyar dena ka leya khie tk bhe za skta h or wo bhe us pyar ke kadar na de to tb kya kr reply me frends …………

  8. payar ke baare me jitna likhe aur soche utna kam h payar duniya m nseeb walo ko milta hai jo life jine ke trike sikha hai aaapke artical is very nice ..jay..

  9. Hello sir…. Aapne bilkul shi baatein btaye h pyar ke bare me…. I agreed… Mai apni ek problem share kr rhi hu…… Sir mai fb pe apne ek dur ke relative se frndship ki hu…. Jab Mai phehli baar unse baat ki to sab kuch thik tha bas normally ek Frnd ke Tarah thi…. But kuch Dino bad hi mujhe unki baatein achhi lgne lgi…. Unka let se reply dene pe v gussa ni aane lga… Message krne ka kuch… Kr deti hu kuch or…..bilkul bewakoof jaise kaam krne lgi hu… hr time sirf unhi ke bare me sochte rehti hu… Samajh Nhi aa rha kya karu….. Mujhe abi apne carrier pe focus Karna h in sab chijo me time waste Nhi Karna chahti hu sir… Or wo v apne carrier ko leke Bhut serious Hai…. Ek baar Mai unhe bta di thi ki Mai aapko Bhut like karti hu to wo bole ki…. Apne padhai pr dhyan do uske bad kuch ni bole….. Uski koi gf v ni h sir… Fir v pta ni q aise kar rhe h wo….. Sir please suggest me kya kru Mai…. Mujhe unki Bhut yaad aati h… Hr time sirf unke bare me hi sochte rehti hu… Padhai me v man Nhi lagta…. Wo mujhe q aise bolte h…. Please please please sir suggest me kya Mai use bhul jau sir… Please btayea sir

  10. Bhai koi bhi saccha pyar family problems ke karan nhi khatam hoti.ha bas thoda milna julna,bate karna kam ho jata hai.
    Aur ha usse mil ke bat kro aur confirm kro ki kya vo abhi bhi aapse pyar karti hai ya nhi.aur agar nhi Bole to usse pooche ki jo kiya vo kya tha.agar koi aap se pyar karta hai tbhi aap usse pya kre .varna na kre .

  11. Pyar pata nahi kaise hato hai jis din mujhe ho jayega uss din mai samajh luga Ki bagwan hai kyoki kahate hai sachche pyar mai rab dikhta hai mobile nu 7979016252

  12. Bus mai itna janta hu Ki pyar mai koi bhi kuch bhi Marne ko taiyar hhota hai filhal abhi tak mujhe pyar hua nahi except my fanily

  13. Nice post bhai.
    Yar m ek ladki se bahut pyar krta hu 5 sal se abhi last 2 year relationship m the but uske family problem ke karan wo chor di m kya karu

  14. Sayed mera crash hi tha per jab mai uske sath rahta tha toh mujhe bhoot khusi multi thi aur ushe dekh ker dil ko sukun

  15. Payr kya hi payr me log Ek dusare ki Ijjat Kate hi agree Ijjat nhi to payr hi Kyo ki payr Kate hi this to payr Kate hi tbhi Khte hi ki payr koi mamuli keel nhi is set junta door Bhagat get utnaa hi Acha ho hoga hamare liy O K bhai

  16. Payr kya hi payr me log El dusare ki Ijjat Kate hi agree Ijjat nhi to payr hi Kyo ki payr Kate hi this to payr Kate hi tbhi Khte hi ki payr koi mamuli keel nhi is set junta door Bhagat get utnaa hi Acha ho hoga hamare liy O K bhai

  17. प्यार के बारे मे जितना भी कहा जय कम ही पड़ जाता है क्योकी प्यार अनंत होता है इसे केवल सच्चे प्रेमी ही समझ सकते है प्यार भी वायु की तरह है जिसे महसूस किया जा सकता है
    संसार मे प्यार के सामने सभी दौलत बहुत छोटी होती है.

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  19. प्यार इतना बुरा भी नहीं होता है अंजलि जी…….प्यार आपको बहुत कुछ सिखा जाता है …….अगर प्यार सही इन्सान से होता है तो खुशियाँ देता है और अगर गलत इन्सान से हो तो सबक देता है ……

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