We give Ways to Handle Rejections, हर इंसान को अपनी ज़िन्दगी में कभी ना कभी rejection का सामना करना पड़ता है, Rejection बार बार मिलता है, हर काम में मिलता है।
Rejection को Handle करने के 8 तरीके। (8 ways to handle rejections)
किसी भी काम में या किसी के भी द्वारा reject किया जाना किसे अच्छा लगता है? शायद किसी को भी नहीं। दुनिया का हर इंसान यही सोचता है कि उसे कभी भी, किसी भी काम में या किसी भी बात की वजह से या किसी के भी द्वारा reject ना होना पड़े। लेकिन वास्तविकता ये है कि हर इंसान को अपनी ज़िन्दगी में कभी ना कभी rejection का सामना करना पड़ता है और कई बार तो Rejection बार बार मिलता है, हर काम में मिलता है।
Reject होने की वजह चाहे कुछ भी हो, जैसे- किसी को नौकरी में rejection मिला हो, प्यार में rejection मिला हो, रिश्तो में rejection मिला हो, या किसी और काम में rejection मिला हो, reject होना हमेशा दर्द भरा होता है। कभी–कभी तो reject होना शर्मिन्दगी भरा भी हो जाता है।
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जब इंसान कई बार reject हो जाता है तो उसका मनोबल टूटने लगता है, आत्मविश्वास कम होने लगता है, नकारात्मक विचार आने लगते हैं। जिससे वह परेशान तथा दुखी हो जाता है और कभी कभी depression का शिकार भी हो जाता है। Reject होने पर लोग ये सोचने लगते हैं कि उनमे कुछ कमी है या उनमे काबिलियत नहीं हैं और हीन भावना का शिकार हो जाते हैं। और अपने मन में ये बात बैठा लेते हैं कि अब उनसे कोई काम नहीं होगा, या अब वे कुछ नहीं कर सकते या अब वे कभी सफल नहीं हो सकते और फिर वे मेहनत करना बन्द कर देते हैं या जिंदगी में आगे बढ़ने के लिये प्रयास करना बन्द कर देते हैं।
वहीँ कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो ज़िन्दगी के हर एक rejection का सामना दृढ़ता से करते हैं और कभी हार नहीं मानते और अपनी ज़िन्दगी में आगे बढ़ने के लिये प्रयास करते रहते हैं और तब तक प्रयास करते हैं जब तक वे जीत नहीं जाते, सफल नहीं हो जाते। और अंत में वे जीत भी जाते हैं।
दोस्तों, Rejection ज़िन्दगी का हिस्सा हैं। Rejection से थोड़ी तकलीफ जरुर मिलती है लेकिन अनुभव भी मिलता है, एक सबक मिलता है जो हमें पहले से बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है और हमारी आने वाली ज़िन्दगी के लिए भी बहुत फायदेमन्द होता है। आज मैं अपने अनुभव के आधार पर आपको 8 ऐसे Tips बात रहा हूँ जो rejection को handle करने में आपकी मदद करेंगें और आपको motivate करेंगे।
1. Rejection ज़िन्दगी का एक हिस्सा है। (Rejection is a part of life)
Rejection मिलने पर कभी भी घबराना नहीं चाहिये और ना ही ज्यादा निराश और दुखी होना चाहिये। Rejection ज़िन्दगी का हिस्सा है। ये हमें बहुत कुछ सिखा जाता है। अगर आप reject नहीं होगें, तो आपको बहुत सी चीजों का, बहुत सी बातों का पता ही नहीं चलेगा। बहुत सी बातों का एहसास हमें reject होने के बाद ही होता है। Reject होने से इंसान की सोच में बदलाव आता है, नये अनुभव मिलते हैं, नये सबक मिलते हैं। हमें हमारी कमियों का पता चलता है। जिससे हमारी जिंदगी पहले से बेहतर हो जाती है।
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2. सकारात्मक सोच रखें। (Be Positive, Think Positive)
Rejection मिलने पर हमें जो सबसे पहला और जरुरी काम करना है, वो है, अपनी सोच को सकारात्मक (Positive) रखना। क्योंकि हमारी सोच से ही हमारी ज़िन्दगी की दशा और दिशा तय होगी।
अगर हमारी सोच नकारात्मक होगी, तो हम दुःख और परेशानियों में डूबते चले जायेंगे, मुश्किलों में घिरते चले जायेंगे और अन्त में टूट कर बिखर जायेंगे और अपनी ज़िन्दगी में कुछ नहीं कर पायेंगें।
अगर हमारी सोच सकारात्मक होगी तो हमें ज़िन्दगी में आगे बढ़ने के नये नये रास्ते मिलने लगेंगे, हर मुश्किल आसान हो जायेगी, और rejection को handle करने में मदद मिलेगी।
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इसलिये reject होने पर निराश और दुखी होने के बजाय अपने आप से ये कहें “ये नहीं तो कोई और सही” “इस बार नहीं तो अगली बार सही” । फिर अपने आप से ये कह कर मेहनत से अगले प्रयास के लिये जुट जायें। फिर देखिये सकारात्मकता का असर।
3. आत्म विश्लेषण करें । (Analyze yourself)
अगर आप किसी काम में reject हो जायें या कोई आपको reject कर दे तो निराश या परेशान होने के बजाय स्वयं का विश्लेशण करें। अपने बारे में सोचे कि आपसे कहाँ गलती हुई? या आपके अन्दर ऐसी कौन सी कमियाँ थी जिनकी वजह से आपको reject होना पड़ा? अगर आप सच्चाई और ईमानदारी से खुद के बारे में विश्लेषण करेंगे तो आप पायेंगे कि सच में आपके अन्दर कमियाँ थी, या सच में कहीं पर आपसे गलती हुई है जिसकी वजह से आपको rejection मिला। बस जब आपको वो गलती या वे कमियाँ मिल जायें तो उन्हें दूर करके फिर से अपने प्रयासों में जुट जायें और तब तक जुटे रहे जब तक कि आप सफल ना हो जायें, आप जीत ना जायें।
4. Rejection को दिल से ना लगायें। ( Don’t take it to heart)
Rejection को दिल से ना लगायें। बार-बार इसके बारे में ना सोचें। बार बार इसके बारे में सोचने से आप पहले से ज्यादा परेशान होंगे। अपने rejection और खुद से थोडा अलग भी सोचें। आप से अलग भी एक दुनिया है। बाहरी दुनिया से सम्पर्क जोड़े। नये लोगों से मिलें। नई जगहों पर जायें। अपने दिमाग को अच्छे और नये कार्यो में लगायें।
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5. खुद को दूसरों की नजर से ना देंखे। (Not see themselves through the eyes of others)
कई बार लोग reject होने के बाद खुद को दूसरों की नज़र से ही देखने लगते हैं और ये मानने लगते हैं कि वाकई उनमें कमियाँ हैं। अगर कोई आपको reject करता है तो इसका ये मतलब नहीं कि आप खुद को उसकी नजर से ही देखने लगें। अपने बारे में अपनी राय बदलिये और अपनी सोच को positive रखिये। Rejection को एक अनुभव और एक अवसर की तरह लें। और ध्यान रखिये कि अवसर आपको आगे भी मिलेंगे। इसलिये निराश होने की बजाय आने वाले अवसरों के लिये अपनी कमर कस लें।
6. ना के लिये भी तैयार रहें। (Be prepared for rejections)
ध्यान रखें कि हर बात या हर प्रस्ताव के दो जवाब होते हैं- “हाँ या ना”। और ये कभी जरूरी नहीं होता कि आपको हमेशा “हाँ” ही सुनने को मिले। आपको हमेशा नौकरी में, इन्टरव्यू में, प्यार का इजहार करने पर, या विवाह का प्रस्ताव देने पर या किसी भी काम में “हाँ” ही सुनने को नहीं मिलेगा। कभी-कभी आपको “ना” भी सुनने को मिल सकता है। फिर चाहे आप उस काम के लिये कितने भी काबिल क्यों ना हों? इसलिये हर काम से पहले उसकी हाँ और ना दोनों के लिये पूरी तरह से तैयार रहें।
7. नई चीजें सीखें। (Learn new things)
Reject होने पर अफ़सोस करने या निराश होने की बजाय अपनी कमियों का पता लगायें और उन्हें सुधारें। नई चीज सीखें, नई भाषा सीखें, नये कोर्स करें। अपने ज्ञान को बढायें। अपनी skills को बढ़ायें। जिससे आप भविष्य में दोवारा reject ना हों। नयी चीजें सीखने से आपका दिमाग रिजेक्शन से हटकर नयी दिशा में लगेगा जिससे ना केवल आपका दुःख और परेशानी कम होगी बल्कि आपके ज्ञान में भी बढ़ोत्तरी होगी।
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8. आगे बढ़ने का नाम है ज़िन्दगी। (Moving forward is the name of life)
Rejection जीवन का अन्त नहीं है। जब आप एक जगह से reject होते हैं तभी दूसरी कई जगहों पर अवसर तलाशते हैं। Rejection कोई अन्त नहीं हैं बल्कि ये तो एक शुरुआत है नये नये अवसरों को तलाशने की और अपनी जिन्दगी में आगे बढ़ने की। हर rejection कुछ ना कुछ सिखाता है, एक सबक देता है। जिससे हमारी सोचने समझने की क्षमता बढ़ती है, निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। हम हर बार पहले से mature होते हैं। इसलिये rejections से निराश और परेशान ना हों। अपनी ज़िन्दगी में आगे बढ़ने के लिये प्रयास करते रहें। मेहनत करते रहें और तब तक करते रहें जब तक जब तक आप सफल ना हो जायें, आप जीत ना जायें।
तो दोस्तों ये कुछ तरीके हैं जो मैंने आपको बताये हैं जो rejection को handle करने में आपकी मदद करेंगे। दोस्तों rejection की वजह से कभी भी अपनी जिंदगी को पीछे ना धकेलें बल्कि rejection को एक सबक की तरह लें और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ें।
ध्यान रखें :-
“एक rejection सफलता की खोज में एक आवश्यक कदम से ज्यादा कुछ नहीं है। (Bo Bennett)”
“Rejections मुझे पहले से बेहतर और बेहतर करने के लिए प्रेरित करते हैं। (Sasha Grey)”
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Thanks surendra ji …….
किसी व्यक्ति को Reject किया जाना उस व्यक्ति का अपमान होता है. व्यक्ति खुद में ग्लानि Feel करता है । पर जिसने Rejection को पार कर दिया वह मजबूत होकर निकलता है। पुष्पेन्द्र जी आपने रिजेक्शन पर कमाल का आर्टिकल लिखा है।