कोरोना वायरस क्या है? (What is Coronavirus), इसके लक्षण, दिशा निर्देश और इससे बचने के तरीके

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What is Coronavirus : आज के इस आर्कोटिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि कोरोना वायरस क्या है? (Corona virus kya hai?), कोरोना वायरस के लक्षण क्या हैं? (Corona virus ke lakshan) और कोरोना वायरस से बचने के तरीके (Corona virus se bachne ke tareeke) क्या हैं ?

कोरोना वायरस क्या है? (What is Coronavirus?)

कोरोना वायरस एक संक्रामक रोग है। जिसको Novel Corona Virus या COVID-19 के नाम से भी जाना जाता है। चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ यह रोग अब तक दुनिया के 200 से ज्यादा देशों में पहुँच चुका है। इसके संक्रमण से अब तक पूरी दुनिया में 4.75 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

यह एक जानलेवा बीमारी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया है। 92 लाख से ज्यादा लोग पूरी दुनिया में इसका शिकार हो चुके हैं। अब तक की जानकारी के अनुसार यह जीवों , जानवरों तथा पशुओं से फैला है। यह भी माना जा रहा है कि यह चमगादड़ तथा पैंगोलिन से फैला है।

कोरोना वायरस के लक्षण (Symptoms of Coronavirus)

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार इंसान के शरीर में पहुँचने के लिए बाद कोरोना वायरस फेफड़ों में संक्रमण करता है। जिसके कारण पहले बुखार, फिर सूखी खाँसी तथा उसके बाद साँस लेने में दिक्कत होती है। इस बीमारी के शुरूआती लक्षण सर्दी, जुकाम, निमोनिया जैसे ही होते हैं। WHO के अनुसार, सूखी खाँसी, कफ, साँस लेने में दिक्कत, सिर दर्द, जुकाम तथा डायरिया इसके मुख्य लक्षण हैं।

National health center के अनुसार बुखार और सूखी खाँसी के साथ बदन दर्द, जुकाम तथा थकान के लक्षण भी दिखते हैं। वायरोलॉजिस्ट हैड्रिक स्ट्रीक की जाँच के अनुसार दो तिहाई लोगों की सूंघने के क्षमता कम होना तथा स्वाद का पता ना चल पाना जैसे लक्षण भी सामने आयें हैं। उनकी जाँच के अनुसार 30% लोगों को डायरिया की समस्या भी थी।

Journal annals of internal medicine की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति में 5 दिन में 3 लक्षण दिखाई देने लगते हैं। सूखी खाँसी, तेज बुखार और साँस लेने में दिक्कत। हालाँकि वैज्ञानिकों का ये भी कहना है कि कुछ लोगो में इसके लक्षण काफी दिनों के बाद दिखाई देते हैं।

World health organization (WHO) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुँचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय हो सकता है। ये वायरस उन लोगो के शरीर से ज्यादा फैलता है जिनमे इसके लक्षण दिखाई देते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार कोरोना वायरस किसी व्यक्ति को बीमार करने से पहले दूसरो में भी फैल सकता है।

कोरोना वायरस कैसे फैलता है? (How does corona virus spread?)

  • संक्रमित व्यक्ति के खाँसने या छींकने से ।

  • संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने से ।

  • संक्रमित व्यक्ति के करीब आने से।

  • संक्रमित व्यक्ति द्वारा किसी चीज या सतह को छूने से।

  • किसी व्यक्ति द्वारा संक्रमित चीज या सतह को छूने से।

कोरोना वायरस एक संक्रमित इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के खाँसने तथा छींकने से निकले थूंक के बेहद बारीक़ कण हवा में फैल जाते हैं। इन कणों में कोरोना वायरस के विषाणु होते है। संक्रमित व्यक्ति के पास जाने पर ये वायरस साँस के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश कर जातें है।

इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने पर ये वायरस उस व्यक्ति को भी संक्रमित कर देता है। इसके अलावा किसी संक्रमित व्यक्ति के खाँसने तथा छींकने से ये कण जिस सतह पर गिरते हैं । उस सतह को छूने से ये कण आपके हाथ में आ जाते हैं। और जब आप उस हाथ से अपनी आँख, नाक या मूँह को छूते हैं तो ये वायरस आपके शरीर में पहुँच जाता है। इसलिए किसी भी संक्रमित व्यक्ति के साथ किसी भी तरह का सम्पर्क ना रखें।

कोरोना वायरस कितने समय तक जिन्दा रह सकता है? (How long can corona virus live?)

जर्नल ऑफ़ हॉस्पिटल (Journal of hospital) की रिपोर्ट के अनुसार 20 C Celsius तापमान पर ये वायरस अलग अलग सतहों पर अलग अलग समय तक जिन्दा रह सकता है।

  • दरवाजों के handle, lift के बटन या धातु की सतहों पर ये वायरस 48 घंटो तक जिन्दा रह सकता है।

  • कपड़ों पर ये 9 घंटो तक जिन्दा रह सकता है।

  • हाथों पर ये 2 घंटो तक जिन्दा रह सकता है।

  • कागज पर 24 घंटो तक जिन्दा रह सकता है।

  • हवा में 3 घंटो तक जिन्दा रह सकता है।

  • शीशे या लकड़ी पर 4 दिन तक जिन्दा रह सकता है।

  • प्लास्टिक या मिट्टी के बर्तनों ये 5 दिन तक जिन्दा रह सकता है।

  • एल्युमिनियम पर 2 से 8 घंटो तक जिन्दा रह सकता है।

  • रबड़ पर 8 घंटो तक जिन्दा रह सकता है।

 

अगर आप या आपके आसपास ऐसे 5 तरह के संदिग्ध लक्षणों वाले लोग हैं तो तत्काल कोरोन वायरस की जांच कराएं।

कोरोना वायरस को कंट्रोल करने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने नई गाइडलाइन जारी की है। शुक्रवार रात को जारी एडवाइजरी में बताया कि  कोरोना पीड़ित के सम्पर्क में आए लोगों को लक्षण न दिखने के बावजूद अगले 5-14 दिन में अंदर जांच कराने की जरूरत है। आईसीएमआर ने 5 ऐसी स्थितियां बताई हैं जब तत्काल जांच कराने की जरूरत है।

  1. ऐसे लोग जिन्होंने पिछले 14 दिन में विदेश यात्रा की है और बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या का सामना कर रहे हैं।
  2. किसी कोरोना मरीज से मिले हैं तो लक्षण न दिखने के बावजूद उससे सम्पर्क के 5 से 4 दिन के अंदर जांच जरूर कराएं।
  3. ऐसे स्वास्थ्य कर्मी जो कोरोना के मरीजों की देखभाल कर रहे हैं, उनमें वायरस से संक्रमण होने की आशंका है।
  4. ऐसे मरीज जो सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम इंफेक्शन के कारण हॉस्पिटल में भर्ती हैं, पहले बुखार आ चुका है। शरीर का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस से अधिक है और पिछले 10 दिन से ज्यादा खांसी से जूझ रहे हैं।
  5. ऐसे लोग जो कोरोना से पीड़ित मरीजों और इनकी देखभाल करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के घर या बिल्डिंग में रह रहें हैं और सावधानी नहीं बरत रहे हैं। इन्हें जांच की जरूरत है भले लक्षण दिखें या नहीं।

 

कोरोना वायरस के संक्रमण से कैसे बचें? (How to avoid corona virus infection?)

अभी तक कोरोना वायरस की कोई दवा या वैक्सीन नहीं बनी है। दुनिया भर के डॉक्टर,वैज्ञानिक इसकी दवा बनाने में जुटे हैं। फिर भी डॉक्टर्स लोगों को लोगों का इलाज कर रहे हैं और मरीजों को ठीक कर रहे हैं। आप भी थोड़ी सी सावधानी बरत कर इस वायरस के संक्रमण से बच सकते हैं।

कोरोना वायरस बीमारी  (Corona virus disease) से खुद को बचाने के लिए हाइजीन का पूरा ख्याल रखें। इसके साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगंठन (WHO) ने कुछ बचाव के उपाय बताए है।  जिन्हें अपनाकर आप कोरोना वायरस की रोकथाम कर सकते है।

1. नियमित तौर पर हाथ धोएं (Wash hands regularly)

कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए अपने हाथों को  दिन में कई बार साबुन या हैण्ड वाश से कम से कम 20 सेकेंड तक धोएं। बेक्टीरिया मारने वाला अच्छा सैनिटाइजर (sanitiser)  का भी उपयोग कर सकते हैं। सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ध्यान रखें यह 60% अल्कोहल वाला होना चाहिए। ऐसे करने से हाथों पर रहने वाले वायरस से छुटकारा मिल जायेगा। कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए जब आप बाहर से घर वापस आए तो सबसे पहले अपने हाथ धोएं। अगर आप बाहर है तो सैनिटाइजर का यूज करें।

  • दरवाजों के handle, lift के बटन या धातु की सतहों को छूते हैं तो भी साबुन या हैण्ड वाश से हाथ जरूर धोएं।
  • चारपहिया वाहन की स्टीयरिंग छूते हैं तो भी साबुन या हैण्ड वाश से से हाथ जरूर धोएं।
  • करंसी नोट या सिक्के हाथ में लेने के बाद, अपने चेहरे, मुंह, नाक, कान या आंख को ना छुएं। और साबुन या हैण्ड वाश से हाथ जरूर धोएं।

2. 60% अल्कोहल की मात्रा वाला सैनिटाइजर जरूरी (Sanitizer with 60% alcohol content required)

लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन की प्रोफेसर सैली ब्लूमफील्ड के मुताबिक, कोरोनावायरस का आवरण जिस तरह का है उस पर अल्कोहल जैल अटैक करने में समर्थ है। जिन सैनिटाइजर में अल्कोहल की मात्रा 60% से अधिक होती है, वे माइक्रोब्स को खत्म करने में असरदार साबित होते हैं। लेकिन, ध्यान रखें इसे कभी भी घर पर न तैयार करें, स्किन को नुकसान पहुंच सकता है।

3. उचित दूरी बनाकर रखें (Keep a proper distance)

लोगों के साथ कम से कम 1 मीटर यानी 3 फीट का फासला बनाये रखने की कोशिश करें। खासतौर से उस व्यक्ति से जिसे खाँसी या जुकाम हो।  जब कोई व्यक्ति खाँसता है तो हवा में वायरस फैल जाते हैं। अगर आप लोगों के ज्यादा करीब रहेंगे, तो साँस के रास्ते ये वायरस आपके शरीर में जा सकता है। अस्पताल में भी ऐसे वार्ड्स की तरफ न जाएं जहां कोरोना वायरस के मरीज हों।

4. नाक, मुहं और आँखों को न छुएं (Do not touch the nose, mouth and eyes)

अक्सर हम अपनी नाक, मूँह, और आँखों को बार– बार छूते रहते हैं। हमारी हथेलियाँ दिन भर कई सतहों को छूती हैं। ऐसे में हथेलियों पर वायरस आ जाते हैं। दूषित हथेली से वायरस नाक, मूँह और आँखों के जरिये शरीर में जा सकता है।

5. खाँसते वक्त टिशू पेपर का इस्तेमाल करें (Use tissue paper while coughing)

अपने आसपास सफाई का खासतौर से ख्याल रखें। ध्यान रहे कि छींकते या खाँसते वक्त नाक और मूँह को टीशू पेपर से ढक लें और तुरंत बाद इस टीशू पेपर को डस्टबिन में फेंक दें और अपने हाथ को धो लें।  जिससे कोई दूसरी व्यक्ति इससे संक्रमित न हो।  छींकने से निकलने वाले तरल पदार्थ में ढेरों वायरस होते हैं और ये तेजी से फैल सकते हैं।

6. खाँसी, जुकाम को हल्के में न लें (Do not take cough, cold lightly)

अगर आपको बुखार, खाँसी या साँस लेने में परेशानी हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें, कोशिश करें कि घर पर ही रहें। डॉक्टर से तुरंत सम्पर्क करने से बिमारी को शुरुआत में ही पकड़ा जा सकता है।

7. मोबाइल की स्क्रीन को साफ रखें (keep mobile screen clean)

अपने स्मार्टफोन को हफ्ते में एक बार डिसइंफेटिंग वाईप्स से जरूर साफ करें, ये वाईप्स फोन में ऊपरी भाग में रहने वाले सभी कीटाणुओं को खत्म कर देते हैं।  हमेशा हाथ में 24 घंटे स्मार्टफोन की स्क्रीन वायरस का बड़ा अड्डा है, स्क्रीन पर मेथिसिलिन रसिस्टेंट स्टेफायलोकोक्स औरीयास (MRSA) नाम के जीवाणु होते हैं।

8. बाथरूम को करें साफ (clean the bathroom)

बाथरूम की सफाई के वक्त शावर को जरूर साफ करें, इसे Dettol के पानी से धो सकते हैं। प्लास्टिक के पर्दों का प्रयोग बाथरूम में ना करें, शावर में मैथालोबेक्टर समेत कई वायरस पनपते हैं, कई शोध में पता चलता है कि ये वायरस शावर और बाथरूम के पर्दों में ज्यादा पनपते हैं।

9. यात्रा में रखें ध्यान (keep in mind while traveling)

खाने का सामान लेने से पहले अपने हाथ को अच्छे से साफ कर लें। हवाई यात्रा में क्रू सदस्यों से कोरोना वायरस फैलने का डर सबसे ज्यादा है।

10. अस्पताल जाना पड़े तो (if you have to go to the hospital)

अगर आपको अस्पताल में रुकना पड़ रहा है, तो कोशिश करें कि अपने खाने में दही का इस्तेमाल करें। दही में एसीडोफिलस नाम का बेक्टीरिया होता है जो कई तरह के वायरस को खत्म कर देता है।

11. मास्क जरूर पहनें (Must wear a mask)

अगर आपको खाँसी या जुकाम है तो मास्क जरूर पहनें, खासतौर से बाहर निकलते वक्त। आपके जरिये वायरस दूसरों में संक्रमित हो सकता है, इसलिए खास ख्याल रखें। ध्यान रखें मास्क नाक, मुंह और ठोड़ी के ऊपर लगाएं। गैप न हो और ठीक से फिट हो। डिस्पोजेबल मास्क का दोबारा प्रयोग न करें और प्रयोग हो चुके मास्क को कीटाणुरहित करके बंद कूड़ेदान में डालें। मास्क का प्रयोग करते समय या उतारते समय गंदी बाहरी सतह को न छुएं। मास्क हटाने के बाद हाथों को साबुन या अल्कोहल आधारित हैंड रब से धोएं।

मास्क कब और क्यों पहनें (maask kab aur kyon pahanen)

मास्क पहनने को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है और डर का माहौल है। WHO के अनुसार आपको निम्न परिस्थितियों में मास्क पहनना चाहिए।
  • जब आपमें संक्रमण के लक्षण दिखें , जैसे खांसी बुखार सांस लेने में परेशानी।

  • जब कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज की देखभाल कर रहे हों।

  • जब आप एक स्वस्थ्यकर्मी हों और कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज की देखभाल कर रहे हों।

  • कोरोना से संक्रमित इंसान से मिल रहे हैं, आसपास ऐसा कोई मामला है या हॉस्पिटल जा रहे हैं।

 

कोरोना को तीसरे चरण (Stage) में पहुँचने से रोकना क्यों जरुरी है (Why is it necessary to prevent corona from reaching the third stage)

कोरोना का वायरस मानव शरीर में 14 दिन का जीवन सर्कल पूरा करता है। इसके बाद खत्म हो जाता है। अगर 14 दिन तक नए मरीज सामने नहीं आएंगे तो इसका मतलब होगा कि कोरोना का संक्रमण अपने अगले stage में नहीं पहुंचा। इसके देश में महामारी के रूप में तब्दील  होने की आशंका कम हो जाएगी।

अभी हम इस बीमारी के दूसरे stage पर हैं। यदि लापरवाही बरती और कोरोना तीसरे stage में पहुंच गया तो फिर इस पर नियंत्रण करना मुश्किल काम हो जाएगा। यह पूरे देश में महामारी के रूप में बदल जाएगा।

Stage 1 : इस स्थिति में वहीं लोग कोरोना से संक्रमित पाए जाते हैं, जिन्होंने संक्रमण वाले विदेश की यात्रा की होती है। यह कुछ लोगों तक सीमित रहता है।

Stage 2 : कोरोना संक्रमित व्यक्ति से उसके परिजनों और एकदम करीबी लोगों में फैलता है। Stage 1 और  2 में  source पता रहता है कि किससे फैल रहा है। अभी हमारे देश में यही स्थिति है।

Stage 3 : जब संक्रमित व्यक्ति, बाहर घूमता है और कई लोगों के संपर्क में आता है तो फिर पूरे  समाज  (community) में यह फैलना शुरू हो जाता है। इसमें मरीज को भी नहीं पता होता कि उसे कहां से वायरस लगा। इटली और स्पेन में इसी तरह की स्थिति है।

Stage 4 : पूरे देश में सभी जगह यह फैलना शुरू हो जाता है। तब पता नहीं चलता कौन इसे फैलाता है। इस दौरान यह महामारी का रूप ले लेता है। यह कब खत्म होगा, पता नहीं चलता। चीन में यही सब कुछ हुआ।

 

सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) क्यों जरुरी है (Why is Social Distancing Important?)

22 जनवरी 2020 को पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या महज 580 थी। 6 मार्च को यह आंकड़ा 1,02,050 पर पहुंच गया। अगले 15 दिनों में यानी 21 मार्च को संक्रमित लोगों की संख्या दुनिया भर में 2.8 लाख के पार पहुंच गई। इससे साफ़ पता चलता है कि लोगों के मेलजोल ने कोरोना संक्रमण की रफ्तार को बेहद तेज कर दिया।

ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर नाइल्स बेकर ने अपनी किताब “Modeling to Inform Infectious Disease Control” में इस बीमारी से लड़ने के लिए social distancing को सबसे बड़ा हथियार बताया है। उन्होंने दावा किया है कि यदि 25 फीसदी लोग भी मेलजोल आधा कर दें तो संक्रमण को 81 फीसदी तक कम किया जा सकता है।

एक रिपोर्ट के अनुसार 25 प्रतिशत कोरोना संक्रमण के मामलों में लोगों को यह पता ही नहीं था कि वे इसकी चपेट में हैं। ऐसे लोगों ने अनजाने में ही दूसरों को संक्रमित कर दिया। बच्चों के मामले में यह और भी चिंताजनक है, क्योंकि बड़ों की तुलना में उनमें इसके लक्षण बहुत देर से नजर आते हैं। लोगों के संपर्क में आकर होने वाले संक्रमण से बचने के लिए सामूहिक आयोजन, कार्यक्रम, प्रतियोगिताएं रद्द कर दी गई हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति औसतन 3.3 लोगों को संक्रमित कर रहा है।

 

बीमारी बढ़ने के 4 कारण, दो पर हम रोक लगा सकते हैं (reasons for increasing disease, we can stop two)

डॉ. जेफ मार्टिन कहते हैं कि ऐसे वायरस से संक्रमण के चार कारण होते हैं।

  1. वायरस कितना अधिक संक्रमित कर सकता है।
  2. लोगों को इससे कितनी जल्दी संक्रमण हो सकता है।
  3. लोग आपस में कितना मिल रहे हैं।
  4. लोग कितनी देर तक आपस में मिल रहे हैं।

ऐसे में पहले दो कारण तो वायरस के स्वभाव पर निर्भर करते हैं, लेकिन अंतिम दो कारणों को हम लोगों से मिलना-जुलना कम करके खत्म कर सकते हैं।

खतरे को समझिए। (Understand the danger.)

1st Condition : अगर सामान्य मेलजोल जारी रहे तो

What is Coronavirus

एक संक्रमित व्यक्ति अगर सामान्य सामाजिक मेलजोल रखता है तो 5 दिन में 2.5 लोगों को बीमारी दे सकता है, जिससे इसी दर पर 30 दिन में 406 लोग संक्रमित हो सकते हैं।

2nd Condition :  50% कम मेलजोल यानी एक व्यक्ति से 15 लोग बीमार

What is Coronavirus

एक संक्रमित व्यक्ति अगर 50% कम सामाजिक मेलजोल रखता है तो 5 दिन में 1.25 लोगों को बीमारी दे सकता है, जिससे इसी दर पर 30 दिन में 15 लोग संक्रमित हो सकते हैं।

3rd Condition :  75% कम मेलजोल यानी एक व्यक्ति से 2.5 लोग बीमार

What is Coronavirus

एक संक्रमित व्यक्ति अगर 75% कम सामाजिक मेलजोल रखता है तो 30 दिन में सिर्फ 2.5  सिर्फ लोगों को संक्रमित करेगा । हम लोगों से मिलना-जुलना कम करके खत्म कर सकते हैं।

कोरोनावायरस से जुड़े सवालों के जवाब और मदद के लिए केंद्र ने राज्यवार हेल्पलाइन नम्बर जारी किए

 कोरोना वायरस से जुड़े सवाल-जवाब और मदद के लिए केंद्र सरकार ने हेल्पलाइन नम्बर जारी किए हैं। इन पर कॉल करके मदद ली जा सकती है। 1075 या 1800112545 नेशनल हेल्पलाइन नम्बर है। इसके अलावा राज्यवार भी हेल्पलाइन नम्बर जारी किए गए हैं।

राज्यवार हेल्पलाइन नम्बर

क्र.  राज्य  हेल्पलाइन नम्बर
1 आंध्र प्रदेश 0866-2410978
2 अरुणाचल प्रदेश 9436055743
3 असम 6913347770
4 बिहार 104
5 छत्तीसगढ़ 104
6 गोवा 104
7 गुजरात 104
8 हरियाणा 8558893911
9 हिमाचल प्रदेश 104
10 कर्नाटक 104
11 झारखंड 104
12 केरल 471-2552056
13 मध्य प्रदेश 755-2527177
14 महाराष्ट्र 020-26127394
15 मणिपुर 3852411668
16 मेघालय 108
17 मिजोरम 102
18 नगालैंड 7005539653
19 ओडिशा 9439994859
20 पंजाब 104
21 राजस्थान 0141-2225624
22 सिक्किम 104
23 तमिलनाडु 044-29510500
24 तेलंगाना 104
25 त्रिपुरा 0381-2315879
26 उत्तराखंड 104
27 उत्तर प्रदेश 18001805145
28 पश्चिम बंगाल 03323412600

 

केंद्र शासित प्रदेश के लिए हेल्पलाइन नम्बर (Helpline Number for Union Territory)

 

क्र केंद्र शासित राज्य हेल्पलाइन
1 अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह 03192-232102
2 चंडीगढ़ 9779558282
3 दादर नागर हवेली-दमन द्वीप 104
4 दिल्ली 011-22307145
5 जम्मू-कश्मीर 01912520982, 0194-2440283
6 लद्दाख 01982256462
7 लक्षद्वीप 104
8 पुडुचेरी 104

 

एम्स ने जारी किया हेल्पलाइन नम्बर (AIIMS released helpline number)

एम्स ने कोरोना को लेकर हेल्पलाइन नंबर- 9971876591 जारी किया है। हेल्पलाइन पर चौबीस घंटे डॉक्टर उपलब्ध रहेंगे।

तो दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में मैंने आपको बताया कि कोरोना वायरस क्या है?, इसके लक्षण क्या क्या हैं?, ये कैसे फैलता है? और इसके संक्रमण से हम कैसे बच सकते है? ये सारी जानकारियां authentic sources से प्राप्त की गयीं हैं। इसलिए इनका पालन करके हम खुद और हमारे परिवार को इस समाज को इस जानलेवा बीमारी से संक्रमित होने से बचा सकते हैं ।

अगर आप, आपके परिवार में या आपके आस पास कोई कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति है तो कृपया न तो खुद डरें और ना ही डर का माहौल बनायें। डॉक्टर से संपर्क करे और ऊपर दी गयी guidelines का पालन करें। घर पर ही रहें। जरुरी हो तब ही घर से बाहर निकलें।

इस आर्टिकल को अपने सभी जानने वालों,परिवार वालो, रिश्तेदारों और दोस्तों को share करें । जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस बीमारी के बारे में जागरूक हो जाएँ ।

 

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