डेंगू क्या है? डेंगू बुखार के लक्षण, रोकथाम व उपचार : What is Dengue Fever?

If you like this article, please share it with your friends

What is Dengue Fever : आज के इस आर्टिकल में हम आपको डेंगू बुखार क्या है? (Dengue fever kya hai in hindi?), डेंगू बुखार के लक्षण (Dengue bukhar ke lakshan) , और डेंगू बुखार के उपचार ( Dengue bukhar ka upchar / ilaaj) आदि के बारे में बताने जा रहे हैं।

जैसे ही बरसात का मौसम आता है, बहुत ही परेशानियों का खतरा भी बढ़ जाता है। जैसे सर्दी, जुखाम, बुखार, आदि। यह बीमारियां संक्रमण और मच्छरों के काटने से होती है। बरसात में चारों तरफ पानी, बारिश होने की वजह से नमी रहती है। जिससे बहुत से खतरनाक बैक्टीरिया, कीड़े मकोड़े, मच्छर आदि पैदा हो जाते हैं। जिनके काटने और संक्रमण से बीमारियां होती हैं। ऐसे ही एक बीमारी है डेंगू बुखार। बरसात का मौसम आते ही डेंगू बुखार का प्रकोप बहुत बढ़ने लगता है।

इसे भी पढ़ें : What is Coronavirus : कोरोना वायरस क्या है? इसके लक्षण, दिशा निर्देश और इससे बचने के तरीके

आज हम आपको डेंगू बुखार (dengue dever) के बारे में, उसके इलाज और बचाव के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

डेंगू बुखार क्या है? डेंगू कब होता है? (what is the dengue fever in hindi? )

डेंगू एक ऐसी बीमारी है जो एडीज एजिप्टी (Ades Egypti) नामक प्रजाति के मच्छरों के काटने से होता है। डेंगू रोग होने पर तेज बुखार, सिर दर्द, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द होता है और त्वचा पे लाल चकत्ते भी पड़ जाते हैं। डेंगू बुखार को आम भाषा में हड्डी तोड़ बुखार (Breakbone fever) भी कहा जाता है। डेंगू बुखार होने पर रोगी को हड्डी टूटने जैसा दर्द महसूस होता है। जब डेंगू बुखार गंभीर रूप से बढ़ जाता है। तो नाक, मसूड़ों से खून निकलने लगता है, खून की उल्टी होने लगती है। जिसकी वजह से मरीज की मौत तक हो सकती है।

डेंगू बुखार कैसे फैलता है? (How does dengue spread?)

जब एडीज मच्छर डेंगू बुखार से पीड़ित किसी मरीज को काटता है। तो डेंगू का वायरस पीड़ित मरीज से मच्छर के शरीर में चला जाता है। और जब वह वायरस वाला मच्छर किसी दूसरे इंसान को काटता है। तो उसे भी डेंगू हो जाता है। इस तरह डेंगू बुखार मच्छरों द्वारा एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है। डेंगू बुखार से संक्रमित मरीज के संपर्क में आने पर यह बुखार नहीं फैलता। डेंगू का मच्छर ज्यादातर दिन में ही काटता है। जुलाई से अक्टूबर महीने के बीच में यह बीमारी काफी फैलती है।

इसे भी पढ़ें : जीका वायरस क्या है, जीका वायरस के लक्षण और उपचार : Zika Virus in Hindi

डेंगू वायरस के प्रकार (types of dengue virus in India)

डेंगू वायरस (dengue virus) चार प्रकार का होता है।

  1. सेरोटाइप –  डी. ई. एन. वी. 1  (Serotype DENV-1)
  2. सेरोटाइप –  डी. ई. एन. वी. 2 (Serotype DENV-2)
  3. सेरोटाइप –  डी. ई. एन. वी. 3 (Serotype DENV-3)
  4. सेरोटाइप –  डी. ई. एन. वी. 4 (Serotype DENV-4)

डेंगू बुखार के लक्षण (Symptoms of Dengue fever)

डेंगू बुखार के लक्षण मच्छर के काटने के 3 से 5 दिनों के बाद दिखाई देते हैं जैसे-

  • तेज बुखार। (High fever)
  • सिर दर्द। (Headache)
  • जोड़ों में दर्द। (Joint pain)
  • हड्डियों में दर्द। (Pain in bones)
  • मांसपेशियों में दर्द। (Muscle pain)
  •  उल्टी। (Vomit)
  •  जी मिचलाना। (Getting nausea)
  •  पेट दर्द। (Abdominal pain)
  •  नाक और मसूड़ों से खून आना। (Bleeding from nose and gums)
  •  त्वचा पर लाल चकत्ते होना। (Red rashes on skin)
  •  आंखों में दर्द होना। (Pain in eyes)
  •  उल्टी में खून आना। (Blood in the vomit)
  •  शौच में खून आना। (Blood defecation)
  •  थकान। (Tiredness)
  •  सांस लेने में परेशानी। (Respiratory distress)
  •  बेचैनी। (Restlessness)
  •  चिड़चिड़ापन। (Irritability)

डेंगू बुखार के प्रकार (Types of dengue fever)

डेंगू बुखार 3 तरह का होता है।

1. साधारण क्लासिकल डेंगू बुखार (Simple Classical Dengue Fever)

साधारण बुखार 5 से 7 दिन तक रहता है इसमें मरीज की जान को खतरा नहीं रहता है और मरीज ठीक हो जाता है। ज्यादातर मामलों में इसी प्रकार का बुखार होता है।

2. डेंगू हेमोरेजिक बुखार (Dengue Hemorrhagic Fever – DHF)

इस तरह के बुखार में मरीज के शरीर में खून का आंतरिक रक्तस्राव होने लगता है। जिससे मरीज की नाक, मसूड़ों, शौच या उल्टी में खून आने लगता है। अगर समय पर इलाज ना मिले, तो इस तरह के बुखार से मरीज की मौत तक हो जाती है।

3. डेंगू शॉक सिंड्रोम (Dengue Shock Syndrome – DSS)

इस तरह के बुखार में खून आने के साथ-साथ मरीज की बेचैनी बहुत बढ़ जाती है। ब्लड प्रेशर लो (Low Blood Pressure) हो जाता है, मरीज बेहोश हो जाता है। स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर शरीर के अंग काम करना बंद (Organ Failure) कर देते हैं। जिससे मरीज की मौत हो जाती है।

डेंगू बुखार का इलाज (Treatment for dengue fever)

डेंगू बुखार के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और डॉक्टर की सलाह से इलाज शुरू करें।

डेंगू बुखार होने पर क्या करें? (Guidelines for treatment of dengue fever)

  1.  मरीज के सिर पर पानी की पट्टियां रखें।
  2.  डॉक्टर के अनुसार इलाज शुरू करें।
  3.  मरीज को आराम करने दें।
  4.  ठंडा पानी ना पियें, गर्म पानी पियें।
  5.  बासी खाना ना खायें व मैदे से बनी चीजें ना खायें।
  6.  हल्का खाना खायें।
  7.  ज्यादा मसालेदार या तला हुआ खाना ना खायें।
  8.  पानी खूब पियें।
  9.  छाछ, नारियल पानी, नींबू पानी आदि पियें।
  10.  बिना डॉक्टर की सलाह से कोई भी दवाई ना खाएं।

इसे भी पढ़ें : इम्युनिटी बढ़ाने वाले काढ़े (Immunity badhane wale kadhe / Immunity Boosting Soup in Hindi )

डेंगू का आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic treatment for dengue fever)

डेंगू होने पर डॉक्टर से परामर्श करके इलाज के साथ-साथ आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic treatment) भी कर सकते हैं।

  1. पपीते के पत्ते का रस निकालकर पियें, इससे प्लेटलेट की संख्या बढ़ती है
  2. 5 से 7 तुलसी की पत्तियों  के साथ-साथ 3 से 4 काली मिर्च मिलाकर पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर पियें। इससे immunity बढ़ती है।
  3. गिलोय को पानी में उबालकर इसका काढ़ा बनाकर पियें।
  4. नीम के पत्ते का रस निकालकर पियें।
  5. मेथी के पत्ते खायें, मेथी के दाने चबायें।

डेंगू से बचाव कैसे करें?

  • घर के आस – पास पानी जमा होने ना दें।
  • अगर पानी निकालने की व्यवस्था ना हो तो पानी में पेट्रोल या केरोसिन (petrol / kerosene) ऑयल डाल दें।
  • कूलर का पानी रोज खाली करके साफ करें।
  • पानी की टंकी को बंद करके रखें।
  • मच्छर से बचें।
  • घर में ऑल आउट (all out) या coil जलाकर रखें।
  • पूरे कपड़े पहने शरीर को खुला ना रखें।

 


अस्वीकरण (Disclaimer) : GyanVersha पर Health Category में प्रकाशित सभी लेख व आर्टिकल् मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के सुझाव के आधार पर तैयार किये गये हैं। सलाह सहित संबंधित लेख सिर्फ पाठकों  की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। यह लेख किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। GyanVersha इस लेख में दी गयी जानकारी व सूचना को लेकर ना तो किसी भी तरह का दावा करता है और ना ही किसी भी तरह की जिम्मेदारी लेता है।


 

Related Articles to read 

 

 





If you like this article, please share it with your friends

Leave a Comment