First Love Marriage in the World : दुनियाँ की पहली प्रेम कहानी

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दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम आपको First love marriage in the world के बारे में बताने जा रहे हैं। आपने love marriage के बारे में तो बहुत सुना होगा और अपने आसपास देखा भी होगा। लेकिन क्या कभी आपने इस बात पर ध्यान दिया है कि दुनियाँ की first love marriage किसने की होगी? उनके विवाह में भी परेशानियाँ आई होंगी या नहीं या उनके विवाह को पारिवारिक और सामाजिक मान्यता मिली थी कि नहीं। आज हम आपको इस आर्टिकल में इसी के बारे में बता रहे हैं। 

World first love marriage 

जहां तक famous love stories की बात आती है तो सबसे ज्यादा जो नाम याद आते हैं वो हैं:- लैला-मजनू, हीर-राँझा , सलीम-अनारकली, शाहजहाँ-मुमताज, बाजीराव-मस्तानी, शीरी-फरहाद आदि। लेकिन एक प्रेम कहानी ऐसी भी है जो शायद दुनियाँ में सबसे पुरानी है और बहुत से लोग इसके बारे में जानते तो होंगे लेकिन उन्हे ये बात पता नहीं होगी। ये प्रेम कहानी है भगवान शिव और माता पार्वती की। 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह से जुड़ी बातें सभी पुराणों में मिलती है सबसे पहले भगवान शंकर का विवाह माता सती से हुआ था सती के पिता दक्ष ये विवाह नहीं करना चाहते थे परंतु पिता ब्रह्मा के कहने पर राजा दक्ष ने बेटी सती का विवाह भगवान शंकर से कर दिया भगवान शंकर को पसंद ना करने की वजह से एक बार राजा दक्ष ने भगवान शंकर को यज्ञ में ना बुला कर उनका अपमान किया था जिससे दुखी और नाराज होकर माता सती ने यज्ञ में कूदकर आत्मदाह कर लिया था

इस घटना के बाद भगवान शिव ने रुद्र अवतार लेकर राजा दक्ष का सिर धड़ से अलग कर दिया था। सती की वियोग ने भगवान शिव के मन में विरक्ति का भाव भर दिया और वे घोर तपस्या में लीन हो गए

दूसरी तरफ माता सती ने पर्वतराज हिमालय के यहां माता पार्वती के रूप में जन्म लिया उस दौरान दैत्य तारकासुर का आतंक हुआ करता था तारकासुर को भगवान ब्रह्मा से यह वरदान मिला था  कि भगवान शिव के पुत्र के अलावा उसका वध और कोई नहीं कर सकता है परंतु भगवान शिव तपस्या में लीन थे और पुत्र के लिये भगवान शिव का विवाह होना जरूरी था

उधर माता पार्वती ने भोलेनाथ को फिर से प्राप्त करने के लिये भोलेनाथ की तपस्या शुरू कर दी सभी देवता भी यही चाहते थे कि शिव का विवाह पार्वती से होना चाहिए जिसके लिए सभी देवताओं ने भगवान शिव के विवाह की योजना बनाकर कामदेव को भोलेनाथ की तपस्या भंग करने के लिए भेजा कामदेव ने शिव की तपस्या तो भंग कर दी, लेकिन भगवान शिव ने क्रोध में आकर अपनी तीसरी आँख से उन्हे ही भस्म कर दिया

अब पार्वती ने तो ठान लिया था कि वो विवाह करेंगी तो सिर्फ भोलेनाथ से शिव को अपना वर बनाने के लिए माता पार्वती ने बहुत कठोर तपस्या शुरू कर दी उनकी तपस्या के चलते सभी जगह हाहाकार मच गया बड़े-बड़े पर्वतों की नींव डगमगाने लगी ये देख भोले बाबा ने अपनी आंख खोली और पार्वती से आह्वान किया कि किसी समृद्ध राजकुमार से शादी करें

शिव ने इस बात पर भी जोर दिया कि एक तपस्वी के साथ रहना आसान नहीं है लेकिन माता पार्वती तो अडिग थी, उन्होंने साफ कर दिया था कि वो विवाह सिर्फ भगवान शिव से ही करेंगी अब पार्वती की ये जिद देख भोलेनाथ पिघल गए और सभी देवताओं के बहुत अनुरोध करने पर भगवान शिव माता पार्वती से विवाह करने के लिए राजी हो गए

जब भगवान शिव बारात लेकर माता पार्वती के यहां पहुंचे, तो इस बारात में हर तरह के लोग, गण, दानव, दैत्य, देवता, पशु, कीड़े, मकोड़े, भूत, पिशाच और विक्षिप्त लोग बाराती बनकर माता पार्वती के यहां पहुंचे ऐसी बारात को देखकर देवी पार्वती की माता डर गईं और उन्होंने भगवान शिव को अपनी बेटी का हाथ सौंपने से इनकार कर दिया माता पार्वती ने देखा कि  स्थिति बिगड़ रही है तो उन्होंने भगवान शिव से अनुरोध किया कि वह हमारे रीति-रिवाजों के अनुसार तैयार होकर आएं

उसके बाद भगवान शिव को दैवीय जल से नहला कर पुष्प से तैयार कर माता पार्वती के यहां लेकर गए जब भगवान शिव दिव्य रूप में पहुंचे, तो पार्वती की मां ने उन्हें तुरंत स्वीकार कर लिया और ब्रह्मा जी की उपस्थिति में विवाह समारोह शुरू हो गया माता पार्वती और भोलेबाबा ने एक दूसरे को वर माला पहनाई और ये विवाह संपन हुआ

शिव और मां पार्वती का विवाह कोई सामान्य विवाह नहीं था। शिव विवाह प्रेम, समर्पण और दृढ़ता की सच्ची कहानी है। इस प्रेम कहानी के सामने दुनिया की सबसे बड़ी प्रेम कहानी भी फेल हो जाती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, उस दिन को महाशिवरात्री के पर्व के रूप में मनाया जाता है और जहां भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, वह स्थान आज उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के एक गांव त्रिर्युगी नारायण के नाम से जाना जाता है।

तो दोस्तों, क्या आपको आज से पहले इस प्रेम कहानी के बारे में पता था या नहीं पता था, हमें कमेन्ट में जरूर बतायें। धन्यवाद।

 

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