Ways to Save Money Hindi : पैसों की बचत कैसे करें? पैसे बचाने के 10 तरीके

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बहुत से लोग इस बात को बहुत अच्छी तरीके से जानते हैं कि पैसों की बचत कैसे करें? (How to save money in 2020 / paiso ki bachat kaise Kare?) या पैसे बचाने के तरीके क्या हैं? (Tips to save money / paise bachane ke tarike kya hain?) और जो लोग इसके बारे में जानते हैं, वे अपनी salary से, अपनी आमदनी में से हर महीने कुछ पैसे बचाकर अलग रख लेते हैं। जिससे उस पैसे का भविष्य में पड़ने वाली जरूरत में, या किसी काम में इस्तेमाल कर सकें। जिससे उन पर अचानक से आर्थिक बोझ ना पड़े।

जो लोग हर महीने अपनी सैलरी या कमाई से पैसा नहीं बचाते हैं, उनके भविष्य में पड़ने वाली किसी भी जरूरत या काम के लिये पैसे नहीं होते हैं। मजबूरन उन लोगों को किसी से कर्ज या लोन लेना पड़ता है। जिससे उन पर EMI या कर्ज का बोझ बढ़ जाता है। फिर उस कर्ज को चुकाने के लिये उन्हें ज्यादा काम करना पड़ता है या अपनी जरूरत की बहुत जरुरी चीजों से भी वंचित रहना पड़ता है। जिससे उन्हें मानसिक तनाव (Tension) हो जाता है। और फिर भविष्य में उनके लिये पैसा बचाना बहुत मुश्किल हो जाता है।

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नौकरी या छोटा व्यापार करने वाले बहुत से लोग ऐसे हैं। जिनके पास महीने के आखिर में पैसे ही नहीं बचते हैं। जैसे जैसे महीने के दिन खत्म होते जाते हैं, वैसे वैसे ही उनके पैसे भी खत्म होते जाते हैं।

पैसे बचाने का ये मतलब नहीं है कि आप कंजूसी करो या अपनी जरूरत की चीजों पर भी खर्च ना करो।

पैसे बचाने का मतलब है कि आप अपने पैसे का समझदारी से इस्तेमाल करो। पैसों को समझदारी से खर्च करो। कुछ लोगों के लिये पैसे बचाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। लेकिन नामुकिन नहीं है। थोड़ी सी समझदारी और planning से आप हर महीने कुछ पैसे बचाना शुरू कर सकते हैं

आज के इस आर्टिकल में मैं आपको बताऊँगा कि पैसों की बचत कैसे करें? (paiso ki bachat kaise karen?) आईये देखते हैं, पैसों की बचत करने के 10 तरीके। (10 tips to save money / paiso ki bachat karne ke 10 tareeke)

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1. अपने वित्तीय लक्ष्य बनायें। (Set your financial goals)

सबसे पहले अपने वित्तीय लक्ष्य (financial goals) बनायें। इससे आपको ये पता चलेगा कि आप पैसे क्यों बचाना चाहते हैं? जिससे आप अपनी कमाई से हर महीने एक निश्चित राशि (15% से 20%) बचाने के लिये प्रेरित हों। जब आपको ये ही पता नहीं रहेगा कि आप पैसे की बचत क्यों करें? (paiso ki bachat kyu kare) तब तक आप seriously पैसे नहीं बचा सकते।

वित्तीय लक्ष्य बनाने से पैसे बचाना आसान हो जाता है। और आपकी कमाई और खर्च में संतुलन बना रहता है। आप short term और long term के हिसाब से अपने financial goals बना सकते हैं। जैसे:-

छोटी अवधि (short term) 1 से 3 साल के लिये।

  • इंमरजेंसी फंड के लिये।
  • विदेश में छुट्टियाँ मनाने के लिये।
  • मोबाइल या लैपटॉप खरीदने के लिये।
  • बाइक खरीदने के लिये।
  • कार की down payment के लिये, आदि।

बड़ी अवधि (long term) 4 साल से ज्यादा के लिये।

  • अपने रिटायरमेंट के लिये।
  • बच्चों की पढ़ाई के लिये।
  • बच्चों की शादी के लिये।
  • घर खरीदने के लिये, आदि।

हो सके तो इन लक्ष्यों को कहीं पर लिख कर रख लो। और ऐसी जगह रखो जहाँ ये आपको बार बार दिखते रहें। जब आप इस तरह से अपने वित्तीय लक्ष्य बनायेँगे, तो आप पैसे बचाने के लिए प्रेरित होंगे।

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2. हर महीने का बजट बनाओ। (Make monthly budget)

ये सलाह बहुत पुरानी है और सभी लोग देते हैं। और मजेदार बात ये है कि ज्यादातर लोग इसके बारे में जानते भी हैं। लेकिन करते बहुत ही कम लोग हैं। असल में हमें बजट बनाने में आलस आता है। और अपने खर्चों का हिसाब रखने में बोरियत होती है। लेकिन ये ही गलती हमें बहुत भारी भी पड़ती है।

क्योंकि बिना बजट के हमें ये पता ही नहीं रहेगा कि हमें हर महीने खर्चा कितना करना है और कहाँ कहाँ करना है। जिसकी वजह से हम जरूरत से ज्यादा और फिजूल खर्च कर देते हैं। और फिर हमारे पास महीने के आखिर में पैसा ही नहीं बचता है। इसलिये बजट जरूरत बनायें। इसके लिये सबसे पहले आप अपने जरुरी खर्चों की लिस्ट बनायें। जैसे:-

  • घर का राशन।
  • रोजमर्रा की चीजें। (जैसे:- दूध, सब्जी आदि)
  • बच्चों की पढ़ाई। (फ़ीस किताबें आदि)
  • घर का किराया। (अगर है तो)
  • बिजली का बिल।
  • फोन और इंटरनेट का बिल।
  • यात्रा (कहीं आने जाने का खर्च)
  • EMI (कार, घर या लोन की EMI)
  • बीमें (car, health or life insurance) की किश्त।
  • रेस्टोरेंट में खाना खाने का खर्च।
  • फिल्म देखने का खर्च।
  • डॉक्टर का खर्च आदि।

इससे आपको पता चल जायेगा कि आपका हर महीने का जरुरी खर्च कितना है। और आपके महीने का खर्च आपकी salary से कम है या ज्यादा है।

अपना बजट 50/30/20 नियम के हिसाब से बनायें। जिसके अनुसार अपनी कमाई का 50% अपने घर की जरूरत के जरूरी खर्चो (जैसे:-खाना पीना, पढ़ाई, घर का किराया, बिजली, बीमा आदि) पर खर्च करें। अपनी कमाई का 30% अपनी lifestyle जैसे:- Entertainment, movies, Restaurants, mobiles, T.V Gym member ships, weekend trips, etc.) पर खर्च करें। और बाकि के 20% को save करें।

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3. अपने खर्चों को नियंत्रित करें। (Control your expenses)

बजट बनाने से आपको ये पता चल जायेगा कि आपके खर्चे आपकी सैलरी से कम हैं या ज्यादा हैं। अगर आपके खर्चे आपकी salary से कम हैं तो आप आसानी से पैसों की बचत कर सकते हैं। लेकिन अगर आपके खर्चे आपकी सैलरी से ज्यादा हैं तो निश्चित रूप से आपको कर्ज लेना पड़ेगा। और बचत कर ही नहीं पायेंगे।

इसलिये अपने खर्चों को कम करें। जहाँ बहुत ज्यादा जरुरत है, वही खर्च करें। फिजूल खर्ची बन्द करें। आपके महीने के खर्चे इतने होने चाहिये कि आप अपनी सारी जरूरतें भी पूरी कर सकें और हर महीने कम से कम 20% अपनी कमाई का हिस्सा बचा भी सकें। इसलिये अपनी कमाई के 80% हिस्से को ही खर्च करें। 20% हिस्से की बचत करें।

अगर आपके खर्चे 80% से ज्यादा हो रहे हैं तो अपने खर्चों को कम करें। अपनी savings को नहीं। उसके बाद सभी खर्च अपने बजट के हिसाब से ही करें। शुरुआत में आपको थोड़ा परेशानी होगी लेकिन धीरे धीरे आपको आदत पड़ जाएगी।

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4. अपनी जरूरत और इच्छाओं के फर्क को समझे। (Understand the difference between your needs and desires.)

किसी से बात करने के लिये हमारे पास मोबाइल होना चाहिये, ये हमारी जरूरत है। लेकिन हमारे पास I-phone होना चाहिये, ये हमारी इच्छा है। इसलिये अपनी जरूरत और इच्छाओं के फर्क को समझें। और अपनी जरूरत तथा बजट के अनुसार ही खर्च करें। जो काम एक लाख का I-phone करता है वही काम 10000 का मोबाइल फ़ोन भी करता है। इसलिये अपनी इच्छाओं और दिखावे के लिये जरूरत से ज्यादा खर्च ना करें।

अगर आप किराये पर रहते हैं और अकेले हैं तो आपके लिये 1 BHK ही काफी है। तो सिर्फ standard या दिखावे के लिये 2 BHK में रहना फिजूल खर्ची हैं। अगर मिया बीवी 2 लोग हैं तो 2 BHK काफी है, 3 BHK की जरूरत नहीं है।

इसी तरह से अगर आपका काम 5 लाख से कम वाली गाड़ी में चल सकता है तो फिर दिखावे के लिये 10 लाख की कार लेने का कोई फायदा नहीं है। इसलिये सिर्फ उतना ही खर्च कीजिये जितना आपके बजट के अन्दर आता है और आपकी जरूरत का है।

मैं ये बिल्कुल नहीं कहूँगा कि आप अपनी इच्छाओं को पूरा ना करो। अगर आपकी इच्छायें, आपकी ख्वाहिशें आपके बजट के अन्दर पूरी हो जाती हैं तो जरुर पूरी करें। लेकिन अगर आपकी इच्छाओं को पूरा करने का खर्च आपके बजट से बाहर जा रहा है तो फिर कुछ समय तक ना करें। जब तक आपके पास उस चीज को afford करने लायक पैसे ना हो जाये, तब तक इंतजार करें। या फिर अपनी कमाई को बढ़ाने का प्रयास करें।

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अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिये कर्ज तो बिल्कुल ना लें। क्योंकि अगर एक बार कर्ज के जाल में फँस गये, तो बड़ी मुश्किल से बाहर निकल पाओगे। अगर मजबूरी में कर्ज लेना भी पड़े तो उतना ही लें जितना आपके बजट में आ जाये। नहीं तो इस कर्ज को उतारने के लिये आपको दोबारा कर्ज लेना पड़ेगा। और ये सिलसिला यूँ ही चलता रहेगा।

5. अपने बिल और अतिरिक्त खर्चों को कम कीजिये।(Reduce your bills and extra expenses.)

कई ऐसे छोटे छोटे खर्चे हैं जिन पर हम ध्यान ही नहीं देते हैं। ये हमें मामूली लगते हैं। लेकिन ऐसे ही छोटे छोटे खर्चे मिलकर महीने के आखिर में काफी बड़ा amount बना देते हैं।

जैसे:- अगर आपके पास कार है और हमे पास की किसी market जाना है तो कार से ही जायेंगे या bike है तो bike से ही जायेंगे। इनकी जगह पर हम cycle या पैदल भी जा सकते हैं। रोजाना के हिसाब से देखे तो पेट्रोल का खर्चा 10 या 15 रूपये ही आएगा, लेकिन अगर महीने के हिसाब से देंखे तो ये 400 से 500 रूपये तक हो जाता है।

इसी तरह से अगर महीने में 5-6 अतिरिक्त खर्चे हों जाये तो कुल अतिरिक्त खर्चा 2-3 हजार रूपये होगा। जिसके बारे में हम कभी सोचते ही नहीं हैं। ऐसे ही आप देखते होंगे कि घरों में बहुत सी लाइट, TV, पंखे, कूलर, A.C आदि ऐसे ही चलते रहते हैं, बिना जरूरत के ही। जिससे आपका बिजली का बिल बढ़ता है। इसलिये जिस चीज की जितनी जरूरत हो उसे उतना ही इस्तेमाल करें। जब जरूरत ना हो तो बन्द कर दें।

आप नीचे दी गयी चीजों का सही से इस्तेमाल करके अतिरिक्त खर्चों और बिलों में कमी कर सकते हैं।

  • बिजली से चलने वाले उपकरणों (जैसे:-लाइट,पंखा, कूलर, AC, TV आदि की जब जरूरत ना हो तो बन्द रखें।
  • अगर पास में ही कहीं जाना है तो कार या बाइक के बजाय साईकिल या पैदल जाने की कोशिश करें।
  • पानी का इस्तेमाल कम से कम और जरूरत के हिसाब से ही करें। एक तो इससे पानी बचेगा, दूसरा आपके बिल भी कम होंगे।
  • इंटरनेट और TV Cable का plan भी अपनी जरूरत के हिसाब से ही लें। जिन channels को नहीं देखते उनका पैसा देने से क्या फायदा।

इसी तरह से छोटी छोटी बचत करके आप महीने का कई हजार रूपये बचा सकते हैं।

6. क्रेडिट कार्ड का समझदारी से इस्तेमाल करें।(Use credit cards wisely.)

क्रेडिट कार्ड का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे आप तब भी खरीददारी कर सकते हैं जब आपके पास पैसे नहीं हैं। बैंक आपको क्रेडिट कार्ड के बिल का payment करने के लिये 50 दिन तक का समय देते हैं। इंमरजेंसी में बिना पैसे के खरीददारी करने के लिये credit card बहुत बढ़िया option है।

इसके साथ credit card से खरीददारी करने पर ढ़ेरों ऑफर भी मिलते हैं। जैसे:- cashback, discount आदि। credit card से खरीददारी करने का फायदा तभी है जब आप इसका समझदारी से इस्तेमाल करते हैं। अक्सर credit card होने से ज्यादातर लोग बिना जरूरत के और बहुत ज्यादा खरीददारी कर लेते हैं।

ध्यान रखें। credit card से सिर्फ उतनी ही खरीददारी करें, जितनी आपके बजट में है और जितना आप चुका सकते हैं। अगर आपने credit card का बिल समय पर नहीं चुकाया तो आप पर पेनल्टी और 40% तक interest लगाया जाता है। और आपका CIBIL score भी खराब होता है।

7. जब भी shopping के लिये जायें तो साथ में shopping की लिस्ट लेकर जायें।

मैं एक बार T-shirt खरीदने के लिये mall में गया। और जब मैं उधर से लौटा तो मेरे साथ 2 Shirt, 1 Jeans, 1 Trousers, 2 T-shirt और बिग बाजार से खरीदा गया कुछ सामान भी था। और इसमें दूसरी हँसी की बात ये है कि इनमे से 1 shirt, 1 T-shirt और jeans एक साल तक मैं पहन ही नहीं पाया।

ऐसा लगभग सभी लोगों के साथ होता है। कि वे market से लेने तो कुछ जाते हैं और लेकर कुछ आ जाते हैं। और कभी कभी तो ऐसी चीजें लेकर आ जाते हैं। जिनकी जरूरत ही नहीं होती है। आपने ज्यदातर malls में देखा होगा कि billing counters के पास 100 rs से कम वाली कई चीजें रखीं रहती हैं। जिन्हें देखकर वो customer भी उनमें से कुछ ना कुछ खरीद लेता है, जो लाइन में लगा हुआ है।

इन सब चीजों और अनावश्यक खर्च से बचने का एक बढ़िया तरीका है कि जो जो चीजें आपको खरीदनी हैं उनकी घर से ही लिस्ट बनाकर लेकर जायें और लिस्ट के हिसाब से ही खरीददारी करें।

लिस्ट बनाना कुछ लोगों को फालतू और boring काम लग सकता है। लेकिन इसके फायदे बहुत हैं।

  • जैसे:- आप अनावश्यक और फालतू चीजें खरीदने से बचेंगे।
  • आपका अनावश्यक खर्च कम होगा।
  • आपका समय बचेगा। बिना list के जायेंगे तो कुछ ना कुछ भूल आयेंगे जिसे खरीदने आप दोबारा जायेंगे। जिससे आपका समय और पैसे दोनों ज्यादा खर्च होंगे।

8. “2 खरीदो और एक मुफ्त पाओ” जैसे ऑफर को avoid करो।

आप एक shirt खरीदने market गये और वहाँ पर आपने एक ऑफर देखा कि “2 shirt खरीदो और एक मुफ्त पाओ”। ऑफर देखकर आपने 2 shirt खरीद ली। अब जब आप वापस घर आये तो आपके पास 3 shirts थी। क्या आपने कभी इस तरह के खर्चों को realise किया है। कि आप जितना सोच के गये थे उस से दो गुना खर्च करके आ गये।

मान लो एक shirt की कीमत 1000 रूपये थी। तो आप 2000 रूपये में 3 shirts लेकर आ गये। मतलब 667 रूपये की एक। मतलब आपको सिर्फ 33% का ही discount मिला। अगर आप 1 shirt खरीदते तो आप 1000 रूपये खर्च करते। अब आप 2000 रूपये खर्च करके आ गये।

क्या वास्तव में आपको 3 shirts की जरूरत थी? या बस ऑफर देखकर आपने खरीद ली। सोच कर देखिये। इसलिये जितना हो सके, ऐसे offers से दूर ही रहें।

9. स्वास्थ्य बीमा पोलिसी खरीदें। (Buy a health insurance policy)

हो सकता है कि यहाँ पर आपके दिमाग में एक सवाल आये कि health insurance policy खरीदकर पैसे कैसे बचाये जा सकते हैं?

दोस्तों, समय का कुछ पता नहीं होता। कोई भी बीमारी, दुर्घटना या अनहोनी कभी बताकर नहीं आती है। अगर आप बुखार की भी दवा लेने अस्पताल जाते हैं तो 2-3 हजार रूपये खर्च हो जाते हैं। भगवान ना करे, आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को कोई बीमारी हो जाये या कोई दुर्घटना हो जाये और hospitalized करना पड़ जाये तो कई हजारों लाखों का खर्चा हो जाता है।

एक Health insurance policy का premium 10-12 हजार रूपये सालाना होता है जिसमे 2-3 लाख तक का cover मिलता है। अगर आपके 10000 रूपये खर्च करके आपको साल में 2 लाख रूपये का फायदा हो रहा है तो इसमें कोई बुराई नही है।

10. पुराना सामान खरीदें। (Buy second hand items)

नये सामान को खरीदने की ख़ुशी अलग ही होती है। लेकिन नये सामान काफी मँहगे भी होते हैं। इनकी जगह पर जरूरत के कुछ second hand सामान को खरीदकर हम काफी पैसे बचा सकते हैं।

ये भी सही है कि कुछ सामान second hand नहीं खरीदने चाहिये। जैसे:- Electronics Devices, mobile,laptop etc. लेकिन कुछ second hand सामान आधी कीमत पर भी मिल जाते हैं। जैसे:- किताबें। कई ऐसी websites हैं जहाँ पर आप अपनी जरूरत का second hand सामान खरीद सकते हैं। जैसे:- OLX, All India Bazaar etc.

आप अपनी जरूरत को समझें। फिर नये और पुराने सामान को quality और price के साथ compare करें। और फिर सामान खरीदें। second hand सामान खरीदकर आप 40% तक पैसे बचा सकते हैं।

तो दोस्तों, आज के इस article में मैंने आपको पैसे बचाने के 10 तरीके बतायें हैं। आशा करता हूँ कि इन तरीकों से आपको काफी फायदा मिलेगा। हो सकता है कि इनमे से काफी बातें आपको पहले सी पता हों और आप पैसे बचा रहे हों। लेकिन अगर अभी तक आपने पैसे बचाने की आदत नहीं डाली है तो जितनी जल्दी हो सके, डाल लीजिये। क्योंकि जरूरत के समय पैसा ही आपके सबसे ज्यादा काम आता है। इसलिये पैसे को सोच समझकर समझदारी से इस्तेमाल करें।

 

 

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